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हरियाणा में खूब हुआ आया राम गया राम, अशोक तंवर ही नहीं कई नेताओं ने बदले पाले,

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हरियाना /यूटर्न/4 अक्तूबर: हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए गुरुवार को प्रचार खत्म हो गया। इस चुनाव में भी आया राम गया राम की कहानी देखने को मिली, जो इसी राज्य से शुरू हुई थी। छोटा सा राज्य होने के बावजूद, हरियाणा अपनी राजनीतिक उथल-पुथल के लिए जाना जाता है। ऐसा ही एक मोड़ तब आया जब अशोक तंवर ने हरियाणा में राहुल गांधी की मौजूदगी में एक रैली में कांग्रेस का दामन थाम लिया। दिलचस्प बात यह है कि इससे कुछ घंटे पहले ही तंवर ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए वोट मांगे थे। तंवर ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से की थी, फिर तृणमूल कांग्रेस और आप में शामिल हो गए। इस बीच उन्होंने जननायक जनता पार्टी को भी समर्थन दिया और लोकसभा चुनाव से पहले इसी साल की शुरुआत में बीजेपी में शामिल हो गए थे। यह चुनाव जहां एक तरफ आया राम गया राम का गवाह बना, वहीं यह तीन लालों देवी लाल, बंसी लाल और भजन लाल के राज्यों में विरासत के दावे के लिए राजनीतिक वारिसों के बीच एक मुकाबला भी था। इन तीनों नेताओं के वंशज कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनावों के साथ, आया राम गया राम का दौर एक बार फिर शुरू हो गया। चुनावों से पहले, तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ जून में कांग्रेस के साथ अपना 45 साल पुराना नाता तोडक़र बीजेपी का दामन थाम लिया।
इन नेताओं ने बदले पाले
चौधरी ने जहां विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामा, वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के साथ लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। इसी तरह, जेजपी के चार मौजूदा विधायक जोगीराम सिहाग, अनूप धानक, राम कुमार गौतम बीजेपी में शामिल हो गए। हिसार से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लडऩे वाले रणजीत चौटाला ने पार्टी छोड़ दी और जेजेपी के समर्थन से विधानसभा चुनाव लड़ा। बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख करणदेव काम्बोज ने भी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए।
राजनीतिक वारिसों के बीच सीधा मुकाबला
इस बार हरियाणा चुनावों की एक और खास बात यह रही कि चार सीटों पर राजनीतिक वारिसों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला। बृजेंद्र सिंह – दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), श्रुति चौधरी – अनिरुद्ध चौधरी (तोशाम), अर्जुन चौटाला – रणजीत चौटाला (रानियां), दिग्विजय चौटाला – आदित्य चौटाला – अमित सिहाग (डबवाली) वो सीटें हैं, जहां राजनीतिक वारिस विरासत के दावेदार बनने के लिए आमने-सामने हैं। इनके अलावा, भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई आदमपुर से और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव अटेली से चुनावी मैदान में हैं।
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