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कनाडा के चुनावी रंगों पर एक नज़र

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सरी में दो लुधियानवी के बीच दिलचस्प मुकाबला

चरणजीत सिंह चन्न

जगराओं, 29 सितंबर :-कनाडा में मिनी पंजाब के लिए चुनावी रंग शुरू हो गया है। पूरे कनाडा के चुनावी परिदृश्य पर नजर डालें तो सरी के न्यूटन संसदीय क्षेत्र का रंग कुछ अलग ही नजर आएगा, क्योंकि इस संसदीय क्षेत्र से लुधियानावासियों के बीच दिलचस्प मुकाबला होने वाला है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस विधानसभा क्षेत्र से लिबरल पार्टी के उम्मीदवार सुख धालीवाल की तुलना में इस बार कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार हरजीत गिल को मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है और गौरतलब है कि ये दोनों लुधियाना जिले के अलग-अलग गांवों से हैं। अगर हम इस संसदीय क्षेत्र से मौजूदा लिबरल पार्टी के सांसद सुख धालीवाल की बात करें तो उन्होंने कई बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है और लंबे समय से यहां उनका कब्जा है, इसलिए उन्होंने यहां एक मजबूत पार्टी बनाई है। सुख धालीवाल अपने राजनीतिक अनुभव और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जाने जाते हैं उनके प्रमुख चुनावी वादों में रोजगार, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास के मुद्दे को शामिल हैं। वह इस सीट से कई बार जीत चुके हैं लेकिन इस बार चुनाव का परिदृश्य कुछ अलग है, क्योंकि आगामी चुनाव के लिए सुख धालीवाल को चुनौती देने वाली कंजर्वेटिव पार्टी के पक्ष में आंदोलन में खड़े उम्मीदवार हरजीत गिल प्रबल दावेदार हैं। हरजीत गिल एक वरिष्ठ पत्रकार और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के बीच एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं। गिल के मजबूत व्यक्तिगत आधार के साथ, इस बार कंजर्वेटिव पार्टी की आर्थिक नीतियां और पार्टी के पक्ष में आंदोलन हरजीत गिल को और अधिक ताकत देता है। गौरतलब यह भी है कि पिछली बार भले ही इन दोनों के बीच मुकाबला रहा हो, लेकिन इस बार हालात पिछली बार से अलग हैं। बता दें कि सुख धालीवाल लुधियाना जिले के सुजापुर गांव से हैं और हरजीत गिल इसी जिले के मकसूदरा गांव से हैं। अगर हम एक पत्रकार के रूप में हरजीत गिल द्वारा प्रदान की गई सेवाओं का उल्लेख करते हैं, तो वह कनाडा के साथ-साथ पंजाब में मूल लोगों के मौजूदा मुद्दों पर चर्चा करते हुए उन मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लामबंद होते रहे हैं, आपको यह भी बता दें कि कनाडा के सरी शहर को मिनी पंजाब के नाम से जाना जाता है और इस संसदीय क्षेत्र में पंजाबियों की बड़ी आबादी होने के कारण इस सीट के चुनाव को लेकर पंजाब में पहले से ही अटकलें शुरू हो गई है।

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