वक्फ बोर्ड मुसलमानों की धार्मिक संस्था, इसमें दखलंदाजी अफसोसनाक : शाही इमाम पंजाब
लुधियाना, 4 अप्रैल। यहां फील्डगंज में ऐतिहासिक जामा मस्जिद के बाहर जुमे की नमाज के बाद जमात मजलिस अहरार इस्लाम की ओर से वक्फ एक्ट में किए संशोधन का विरोध किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों मुसलमानों ने वक्फ एक्ट संशोधन का प्रतीक-पुतला फूंककर केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजकर रोष दर्ज कराया।
इस मौके पर शाही इमाम पंजाब मौलाना मो. उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि कानून में संशोधन कोई नई बात नहीं है। अगर वह किसी विशेष समुदाय के लिए बनाया जा रहा है तो उसकी भावनाओं का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी बनती है। नए एक्ट में केंद्र सरकार का वक्फ बोर्ड में हर पांच साल बाद नियुक्त होने वाले सदस्यों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को लाने का प्रावधान गैर-कानूनी है।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड भारत के मुसलमान की धार्मिक संस्था है, यह धर्म की संपत्तियों का संरक्षण करता है। इसको चलाने वाले इस धर्म के होने चाहिए, ताकि उन्हें धार्मिक मर्यादा व शरीयत का पालन हो सके। यह भ्रम फैलाना की दुनिया के इस्लामी देशों में वक्फ बोर्ड नहीं है, बिल्कुल गलत बात है। विश्व की सबसे बड़ी दो मस्जिद मक्का और मदीना मुसलमान के सबसे बड़े वक्फ है और वहां यह बात लिखकर लगाई गई है।
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