पंजाब और चंडीगढ़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क में 13 IPS अफसरों की भूमिका की जांच के आदेश, PCA ने मांगी रिपोर्ट

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चंडीगढ़ 16 Nov — पिछले कुछ समय से पंजाब और चंडीगढ़ बैटिंग का अड्डा बनने की चर्चाओं पर चंडीगढ़ पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी (PCA) ने मोहर लगा दी है। हालही में चंडीगढ़ पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी (PCA) ने ऑनलाइन बेटिंग नेटवर्क में पंजाब और चंडीगढ़ के 13 आईपीएस अधिकारियों की भूमिकाओं की जांच के निर्देश जारी किए गए हैं। जांच के दायरे में 3 अधिकारी चंडीगढ़ और 10 अधिकारी पंजाब के शामिल हैं।

PCA के चेयरमैन जस्टिस कुलदीप सिंह (रिटायर्ड) और सदस्य अमरजोत सिंह गिल (IPS रिटायर्ड) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्राधिकरण ने चंडीगढ़ के SSP और इनकम टैक्स विभाग को नोटिस भेजकर पूछा है कि जांच में अब तक किन पुलिस अफसरों के नाम सामने आए हैं और क्या-क्या ठोस तथ्य मिले हैं। मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को निर्धारित है।

यह मामला तब सामने आया जब हाईकोर्ट के वकील निखित सराफ ने पंजाब के गवर्नर एवं चंडीगढ़ प्रशासक गुलाब चंद कटारिया और पंजाब CM भगवंत सिंह मान को पत्र लिखकर पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की। उन्होंने अपनी शिकायत की कॉपी PCA को भी भेजी, जिस पर कार्रवाई शुरू हुई।

आईटी के इन्वेस्टिगेशन विंग की कार्रवाई से उजागर हुआ नेटवर्क

इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने सितंबर में उत्तर भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन बेटिंग रैकेट का पर्दाफाश किया था। आईटी टीम ने चंडीगढ़ के सेक्टर-33 और सेक्टर-44 की दो कोठियों पर चार दिन तक छापेमारी की। जांच में पता चला कि ये कोठियां पंजाब-चंडीगढ़ में सक्रिय एक बड़े बेटिंग मास्टरमाइंड और उसके भाई की हैं।

आईटी विभाग ने दावा किया था कि इस नेटवर्क को कुछ पुलिस अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ था, जिसके कारण यह रैकेट कुछ वर्षों से सक्रिय था। करोड़ों रुपये के लेनदेन, डिजिटल वॉलेट से किए गए भुगतान और विदेशी सर्वरों से संचालित सट्टेबाजी साइटों के सबूत भी मिले थे।

हालांकि इतने बड़े खुलासे के बावजूद अब तक किसी अधिकारी के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं और जांच की रफ्तार धीमी होने पर भी सवाल उठ रहे हैं। PCA ने स्पष्ट किया है कि पूरी रिपोर्ट जल्द सौंपना अनिवार्य है, ताकि आगे की कार्रवाई तय की जा सके।

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