मोटापे से लड़ाई में बेरियाट्रिक सर्जरी कैसे मददगार डॉ. आशीष आहूजा ने किया खुलासा

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डीएमसी एंड एच में सर्जरी विभाग के प्रोफेसर तथा बैरिएट्रिक और मेटाबोलिक सर्जन डॉ. आशीष आहूजा के मार्गदर्शन में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण मोटापा सहायता समूह बैठक आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय मोटापे से पीड़ित रोगियों में बैरिएट्रिक सर्जरी की भूमिका पर केंद्रित था। सत्र में बैरिएट्रिक सर्जरी करवा चुके मरीज़ों, आहार विशेषज्ञों, मेडिकल छात्रों और मोटापे से जूझ रहे कई लोगों ने हिस्सा लिया।

मरीज़ों ने साझा किए अपने अनुभव

बैठक में पूर्व बैरिएट्रिक मरीज़ों ने अपनी वजन घटाने की प्रेरणादायक यात्राएं साझा कीं। उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद उनके स्वास्थ्य, दिनचर्या और आत्मविश्वास में बड़ा सुधार आया है। आहार विशेषज्ञों और मेडिकल छात्रों के साथ हुई बातचीत ने मोटापे के प्रबंधन में बहु-विषयक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।

प्रबंधन और डॉक्टरों ने दिया प्रेरक संदेश

डीएमसी एंड एच मैनेजिंग सोसाइटी के सचिव बिपिन गुप्ता ने कहा कि संस्था की प्राथमिकता हर रोगी को मोटापे के खिलाफ संघर्ष में सहयोग प्रदान करना है।
संस्थान के प्रिंसिपल डॉ. जीएस वांडर ने बताया कि मोटापा सिर्फ़ जीवनशैली नहीं, बल्कि एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है, जिसके लिए जागरूकता और समय पर हस्तक्षेप जरूरी है।

समय पर हस्तक्षेप है ज़रूरी

सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. आहूजा ने कहा कि कैंसर के बाद मोटापा मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है, इसलिए समय रहते इलाज बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि जीवनशैली में सुधार, दवाओं, आधुनिक वज़न घटाने वाले इंजेक्शन और ज़रूरत पड़ने पर बैरिएट्रिक सर्जरी से मोटापे पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है। कार्यक्रम में लगभग 100 लोगों की सहभागिता रही।

जागरूकता फैलाने का संकल्प

बैठक का समापन मोटापे की समय पर पहचान और उपचार के महत्व पर बल देते हुए किया गया। साथ ही, लोगों को शिक्षा, मार्गदर्शन और व्यापक चिकित्सा सहायता के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया गया।

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