पठानकोट के मामून कैंट से डॉक्टर रईस अहमद भट्ट को गिरफ्तार किया गया है। 45 वर्षीय डॉ. भट्ट एमबीबीएस, एमएस, एफएमजी और सर्जरी के प्रोफेसर हैं और पिछले तीन साल से व्हाइट मेडिकल कॉलेज, पीएस मामून कैंट में सर्जन के रूप में काम कर रहे थे। अस्पताल प्रबंधक स्वर्ण सलारिया ने बताया कि उन्हें देर रात अज्ञात एजेंसी ने गिरफ्तार किया।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम का अनुभव
डॉ. रईस भट्ट चार साल तक फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत रहे। यूनिवर्सिटी में तैनात कर्मचारियों के साथ उनका फोन पर संपर्क भी था।
दिल्ली विस्फोट मामले में संबंध
सूत्रों के अनुसार, आरोपी डॉक्टर भट्ट दिल्ली विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी डॉ. उमर के संपर्क में था। उन्हें पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि गिरफ्तारी किस एजेंसी ने की। डॉ. भट्ट जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बोना डायलगाम के निवासी हैं।
पूर्व स्टाफ की जांच जारी
जांच एजेंसी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के तहत वर्तमान और पूर्व स्टाफ की जांच कर रही है। यूनिवर्सिटी परिसर में पहुंचकर टीम ने यह पता लगाया कि कौन-कौन पहले यहां काम कर चुके हैं, वे कब गए और किस कारण से गए। सभी के नाम, फोन नंबर, निवास स्थान और पद के विवरण भी रिकार्ड किए गए।





