हाईग्राउंड रोड चौड़ीकरण परियोजना अटकी, विभागीय सुस्ती से काम ठप

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नगर परिषद ने पावरकाम और फॉरेस्ट विभाग को भेजे चार-चार रिमाइंडर

मेजर अली
जीरकपुर 14 Nov : हाईग्राउंड रोड को चौड़ा करने की बहुप्रतीक्षित परियोजना अब भी शुरू नहीं हो सकी है। नगर परिषद जीरकपुर का कहना है कि पावरकाम और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को चार-चार बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन दोनों विभागों से अभी तक जरूरी मंजूरी नहीं मिली है। पावरकाम की फीस जमा होने के बावजूद न तो बिजली के खंभे हटाए गए हैं और न ही फॉरेस्ट विभाग ने पेड़ काटने की अनुम​ति दी है। इस कारण 3 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत वाली यह परियोजना अधर में लटकी हुई है।

नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार, सड़क किनारे लगे बिजली के खंभों के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा। वहीं, फॉरेस्ट विभाग की मंजूरी के बिना पेड़ों की कटाई संभव नहीं है। इस देरी की वजह से स्थानीय लोगों को हर दिन ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है।

 

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पहले तैयार हो चुका है एस्टीमेट

नगर परिषद हाईग्राउंड रोड को चौड़ा करने के लिए 3 करोड़ 20 लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार कर चुकी है। फिलहाल यह सड़क 30 से 35 फुट चौड़ी है, जबकि योजना के तहत इसे लगभग 110 फुट चौड़ा किया जाना है। 1.75 किलोमीटर लंबी इस सड़क के चौड़ा होने से ट्रैफिक दबाव कम होगा और एयरफोर्स स्टेशन की ओर जाने वाला रास्ता भी सुगम बनेगा।

 

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बिजली के खंभों ने भी रोकी राह

सड़क किनारे लगे बिजली के खंभे बड़ी बाधा बने हुए हैं। नगर परिषद ने पावरकाम को खंभे हटाने के लिए लेटर भेजा था और फीस भी जमा करवाई जा चुकी है। इसके बावजूद अभी तक विभाग ने कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है।

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लोगों की बढ़ती परेशानी

स्थानीय निवासियों का कहना है कि हाईग्राउंड रोड पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सड़क संकरी होने से रोजाना जाम लगता है, जबकि बारिश के दिनों में स्थिति और खराब हो जाती है। लोगों का आरोप है कि विभागीय सुस्ती की कीमत आम जनता को चुकानी पड़ रही है।

 

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क्या कहना है फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का

फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों के अनुसार, परियोजना के रास्ते में 500 से 600 पेड़ आते हैं। अनुमति देने से पहले मौके का सर्वे किया जाएगा और जितने पेड़ हटेंगे, नगर परिषद को उसके दस गुना नए पौधे लगाने होंगे। डेराबस्सी सबडिवीजन फॉरेस्ट ऑफिस इस संबंधी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज चुका है। निर्णय केंद्र सरकार की ओर से अनुमोदन मिलने के बाद ही होगा।

 

कोटस

“सड़क चौड़ीकरण के लिए करीब 600 पेड़ काटने होंगे। यह जिम्मेदारी पूरी तरह फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की है। हमारी ओर से लगभग सभी तैयारियां पूरी हैं, लेकिन विभागों से जवाब न मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा।”
— अमनदीप, जेई, नगर परिषद जीरकपुर

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