जीरकपुर में जीआईएस ड्रोन सर्वे अटका, तीन बार टेंडर फेल

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नगर परिषद का हाईटेक सर्वे प्लान रुका, तीनों बार टेंडर प्रक्रिया असफल

डिजिटल जीरकपुर का सपना धीमा, ड्रोन सर्वे के टेंडर में नहीं मिली कोई भी बिड

 

जीरकपुर 14 Nov : नगर परिषद द्वारा जीरकपुर शहर में जीआईएस प्रॉपर्टी ड्रोन बेस्ड सर्वे करवाने तथा हर एक प्रॉपर्टी के आगे क्यूआर कोड वाली नंबर प्लेट लगाने का काम अधर में ही लटक गया है। इस काम के लिए नगर परिषद द्वारा 1 वर्ष के भीतर तीन बार टेंडर लगाया जा चुका है लेकिन किसी भी कंपनी द्वारा इस काम के लिए दिलचस्पी न दिखाते हुए बिड नहीं लगाई गई है। जिसके कारण काम शुरू करने में देरी हो रही है। जिक्र योग्य है कि नगर परिषद द्वारा जीरकपुर शहर की सारी की सारी करीब 1,50,000 प्रॉपर्टीज के लिए सर्वे करवाया जाएगा और नंबर प्लेट लगवाई जाएगी। इस संबंधी जानकारी देते हुए नगर परिषद जीरकपुर के म्यूनिसिपल इंजीनियर चरणपाल सिंह ने बताया कि यह टेंडर प्रक्रिया अखबारों में नोटिस छापने के बाद 21 दिन की होती है। उन्होंने बताया कि अब तक तीन बार इस काम का टेंडर लगाया जा चुका है लेकिन किसी भी कंपनी ने इस काम में दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसके चलते यह काम अधर में ही लटक गया था।

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कैसे होगा जीआईएस ड्रोन बेस्ड प्रॉपर्टी सर्वेक्षण :::

जीआईएस ड्रोन बेस्ड संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए श्रम, भ्रमण, 45 विशेषताओं वाले मोबाइल एप्लिकेशन में सर्वेक्षण डेटा संग्रहण की शुरूआत, एक्सेल शीट और आर्कजीआईएस सॉफ्टवेयर में डेटा का सत्यापन, वैधीकरण और समावेशन सभी तरह से पूर्ण, जिसमें अलग अलग यूटिलिटीज जैसे कि प्रॉपर्टी आईडी, जल सप्लाई तथा सीवरेज, बिजली, बिल्डिंग प्लान सैंक्शन नंबर, प्लॉट सर्टिफिकेट नंबर आदि के साथ यूआईडी का एकीकरण भी शामिल है किया जाएगा। इसके बाद ठेकेदार द्वारा अल्युमिनियम यूआईडी प्लेट्स उपलब्ध करवाई जाएगी तथा हर एक प्रॉपर्टी के आगे लगे भी जाएगी।

कोट्स :::::

हमने जीरकपुर शहर में मौजूद करीब 1,50,000 यूनिट प्रॉपर्टीज पर क्यूआर कोड वाली नंबर प्लेट लगाने के लिए शहर में सर्वे करवाने के लिए अपनी तरफ से काम मुकम्मल कर लिया है। लेकिन इस काम के लिए हमने तीन बार टेंडर लगाया है। तीनों बार किसी भी कंपनी ने टेंडर नहीं भरा। जिसके चलते अब हम एस्टीमेट रिवाइज करने के लिए योजना तैयार कर रहे हैं। एस्टीमेट रिवाइज करने के बाद जल्द ही फिर से टेंडर प्रक्रिया शुरू करेंगे। नई टेंडर प्रक्रिया के बाद कंपनी को इस काम के लिए एक वर्ष का समय दिया जाएगा। इस काम के मुकम्मल होने के बाद नगर परिषद को प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में राजस्व का भारी फायदा होने की उम्मीद जताई है। हर एक प्रॉपर्टी के आगे ऐसी नंबर प्लेट लगने से प्रॉपर्टी के मालिक को भी टैक्स अदा करने में आसानी होगी।

चरणपाल सिंह, म्यूनिसिपल इंजीनियर, नगर परिषद जीरकपुर।

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