कई कथित प्लास्टिक कारोबारी सरकार को कर रहे गुमराह

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लुधियाना 14 नवंबर। पंजाब सरकार की और से राज्य में 120 माइक्रोन से ऊपर का प्लास्टिक लिफाफा व बैग बनाने के आदेश दिए गए थे। लेकिन कई कथित प्लास्टिक कारोबारियों की और से सरकार की इस छूट का नाजायज फायदा उठाया जा रहा है। यहां तक कि उनकी और से सरेआम सरकार को भी गुमराह किया जा रहा है। चर्चा है कि केसरगंज मंडी, साबुन बाजार, कंबल बाजार, बुक्स मार्केट व चौड़ा बाजार के कई शरारती कारोबारियों द्वारा 120 माइक्रोन की आड़ में गुजरात से 25 से 30 माइक्रोन का लिफाफा मंगवाया जा रहा है। जबकि सरकार को वहीं लिफाफा 125 माइक्रोन का बताकर सरेआम बेचा जा रहा है। जिसके चलते सरेआम सरकार की आंखों में धूल डाली जा रही है। लेकिन पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम लुधियाना को इसकी भनक तक नहीं लग पा रही। मगर इसके अलावा पूरे शहर को इसकी जानकारी है। उक्त कथित कारोबारियों द्वारा पिछले कई महीनों से इसी तरह खेल किया जा रहा है। पहले तो नगर निगम द्वारा भी रोजाना ही दुकानों पर रेड करके लिफाफे पकड़े जाते थे। लेकिन अब वह अफसर भी शांत बैठे हैं।

25 माइक्रोन लिफाफे पर लिख देते हैं 125 माइक्रोन
चर्चाएं हैं कि कई शरारती कारोबारियों द्वारा जो लिफाफा तैयार किया जाता है, उसमें भी सरकार और प्रशासन को गच्चा दिया जा रहा है। दरअसल, कारोबारियों द्वारा 25 माइक्रोन लिफाफे पर 125 माइक्रोन लिख दिया जाता है। जिसके बाद उसे धड़ल्ले से मार्केट में बेचा जाता है और यह लिफाफे लुधियाना के बाजारों में खुलेआम बेचे जा रहे हैं।

हर महीने करोड़ों का लिफाफा हो रहा इंपोर्ट
वहीं चर्चाएं हैं कि हर महीने गुजरात से बैन लिफाफा भारी मात्रा में इंपोर्ट हो रहा है। हर महीने 5 से 7 टन लिफाफा आ रहा है। जिसकी कीमत करोड़ों रुपए हैं। वहीं लुधियाना में भी ग्यासपुरा और ढंडारी में कई कारोबारियों द्वारा बैन लिफाफा तैयार किया जा रहा है।

पर्यावरण के साथ किया जा रहा खिलवाड़
बता दें कि 25 से 30 माइक्रोन का लिफाफा सबसे ज्यादा घातक है। क्योंकि यह न तो गल सकता है और न ही रीसाइकिल हो सकता है। वहीं इस संबंध में पीपीसीबी के लुधियाना विभाग पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि पीपीसीबी की और से बुड्‌ढे नाले और डाइंग फैक्ट्रियों पर तो आए दिन एक्शन लेकर पर्यावरण बचाने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ बैन प्लास्टिक लिफाफे को रोकने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। वहीं चर्चा है कि कई अफसरों को इसकी जानकारी भी है। लेकिन आपसी मिलीभगत के चलते एक्शन नहीं हो रहा।

पीपीसीबी चेयरमैन का सराहणीय कदम
वहीं पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की चेयरमैन रीना गुप्ता द्वारा 14 नामी ब्रांड की फर्मों पर कार्रवाई की गई थी। जिनकी और से बैन प्लास्टिक लिफाफा इस्तेमाल किया जा रहा था। चेयरमैन बनने के बाद अधिकारी के इस एक्शन की लोगों द्वारा सराहना की जा रही है। लेकिन दूसरी तरफ देखें तो लुधियाना प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

अधिकारियों को दी गई है डायरेक्शन
वहीं लुधियाना प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चीफ इंजीनियर आरके रतड़ा ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में आया है। इस संबंधी अफसरों को डायरेक्शन दी गई है। 120 माइक्रोन से नीचे वाला प्लास्टिक लिफाफा बैन है। इसे बनाने व इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई होगी।

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