भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जरूरतमंद लोगों के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब ग्राहक चांदी के आभूषण, सिक्के या अन्य चांदी से जुड़ी वस्तुएं गिरवी रखकर बैंक या एनबीएफसी से लोन ले सकेंगे। पहले केवल गोल्ड लोन की सुविधा उपलब्ध थी। यह नया नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। ग्राहकों को यह सुविधा कॉमर्शियल बैंक, अर्बन और रूरल को-ऑपरेटिव बैंक, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के माध्यम से मिलेगी।
किन वस्तुओं पर नहीं मिलेगा लोन
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि शुद्ध सोने या चांदी की ईंटों (बुलियन) या गोल्ड ईटीएफ और म्यूचुअल फंड यूनिट्स जैसे वित्तीय उत्पादों पर लोन नहीं मिलेगा। यह नई व्यवस्था आरबीआई (गोल्ड एंड सिल्वर लोन) डायरेक्शंस, 2025 के तहत लागू होगी। इसका उद्देश्य कीमती धातुओं से जुड़े ऋण बाजार में पारदर्शिता, एकरूपता और निगरानी को मजबूत करना है।
लोन चुकाने के बाद आभूषण वापसी का नियम
नए नियमों के अनुसार, उधारकर्ता के लोन चुकाने के बाद बैंक को 7 दिन के भीतर उसकी चांदी या आभूषण लौटाने होंगे। देरी की स्थिति में बैंक को ₹5000 प्रति दिन के हिसाब से मुआवजा देना होगा। अगर ग्राहक समय पर लोन नहीं चुका पाता, तो बैंक उसकी गिरवी रखी वस्तुओं की नीलामी कर सकेगा। नीलामी का आरक्षित मूल्य बाजार भाव के 90% से कम नहीं होगा, और दो बार नीलामी असफल रहने पर इसे 85% तक घटाया जा सकता है।
अगर कोई ग्राहक दो साल तक अपनी चांदी या सोना नहीं लेता, तो बैंक उसे लावारिस घोषित कर देगा और ग्राहक या उसके उत्तराधिकारियों से संपर्क करने के लिए विशेष अभियान चलाएगा।





