12 साल में पहली बार इतनी कम हुई महंगाई, अक्तूबर में रिटेल इंफ्लेशन सिर्फ 0.25%

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महंगाई के मोर्चे पर आम जनता के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। सरकार द्वारा 12 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश की रिटेल महंगाई दर (Retail Inflation Rate) अक्टूबर में तेज़ी से घटकर 0.25 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह 2011 से शुरू हुई मौजूदा श्रृंखला का सबसे निचला स्तर है। सितंबर में यह दर 1.54 प्रतिशत थी।

खाद्य कीमतों में आई भारी नरमी

महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में आई लगातार नरमी रही। फूड इंडेक्स अक्टूबर में -5.02 प्रतिशत पर रहा, जो सितंबर में -2.3 प्रतिशत था। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रमुख खाद्य पदार्थों में व्यापक स्तर पर कीमतें घटी हैं।

आरबीआई का लक्ष्य स्तर से नीचे पहुंची मुद्रास्फीति

वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में औसत मुद्रास्फीति दर 2.22 प्रतिशत रही है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य से काफी कम है। इसी को देखते हुए, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने महंगाई अनुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है।

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी

एलारा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की अर्थशास्त्री गरिमा कपूर ने कहा कि सीपीआई (CPI) मुद्रास्फीति अब तक के सबसे निचले स्तर पर है, जिसका कारण खाद्य कीमतों में तेज गिरावट और उच्च आधार प्रभाव है। उनका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में सीपीआई 2 प्रतिशत से नीचे रह सकती है। इससे आरबीआई द्वारा दिसंबर 2025 और फरवरी 2026 में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है।

खाद्य वस्तुओं में केवल तेल ऐसा उत्पाद रहा जिसमें अक्टूबर में दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति दर्ज की गई। मंत्रालय के अनुसार, नारियल तेल की कीमतों में करीब 93 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो सभी वस्तुओं में सबसे अधिक है।

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