लुधियाना, 11 नवम्बर: सिविल लाइंस स्थित श्री दंडी स्वामी मंदिर में चल रहे
में कहा कि “भगवद गीता में ही विश्व की हर समस्या का समाधान निहित है।” उन्होंने प्रवचन की शुरुआत “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्रजाप से करते हुए कहा कि जब हम हरिनाम जाप या कथा श्रवण करें तो मन और शरीर दोनों एकाग्र होकर उसी अनुभव में लीन हो जाएँ।
स्वामी जी ने कहा कि भगवद गीता केवल उपदेश नहीं, बल्कि स्वयं भगवान का व्यवहार है, जिसमें योगेश्वर श्रीकृष्ण ने मनुष्य को जीवन के हर क्षेत्र के लिए मार्गदर्शन दिया है। गीता न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक और नेतृत्विक दृष्टि से भी प्रासंगिक है — यह कर्म, नैतिकता और ऊर्जा के गूढ़ रहस्यों को उजागर करती है।
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से “अष्टादश श्लोकी गीता” का नियमित पाठ करने का आह्वान किया और बताया कि गीता विश्व का एकमात्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। स्वामी जी ने आगामी अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती उत्सव (15 नवम्बर–1 दिसम्बर, कुरुक्षेत्र) में सम्मिलित होने का निमंत्रण भी दिया।
अंत में पंडित राज कुमार शर्मा ने स्वामी जी का धन्यवाद और सम्मान किया। आज शाम 5:30 से 8:30 बजे तक श्री धाम वृंदावन से श्री कुंज बिहारी दास महाराज हरिनाम संकीर्तन करेंगे।





