भारत सरकार ने अक्टूबर 2025 में देशभर में चलाए गए स्वच्छता अभियान के तहत स्क्रैप बेचकर 800 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। यह अभियान केंद्र सरकार के बड़े पैमाने पर चल रहे स्वच्छता और प्रशासनिक सुधार मिशन का हिस्सा था। News18 की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 से अब तक इस पहल के जरिए कुल 4100 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हो चुकी है। दिलचस्प बात यह है कि केवल अक्टूबर महीने में हुई यह कमाई चंद्रयान-3 मिशन की 615 करोड़ रुपये की लागत से भी अधिक है।
2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चला देशव्यापी अभियान
एक महीने चले इस स्वच्छता अभियान के दौरान अधिकारियों ने 232 लाख वर्गफुट ऑफिस स्पेस खाली कराया और करीब 29 लाख पुरानी फाइलों को स्थायी रूप से नष्ट किया गया। यह मिशन देशभर के 11.58 लाख सरकारी कार्यालयों में लागू हुआ। इस पूरे अभियान का समन्वय प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DAR&PG) ने किया, जिसमें 84 केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और विदेशी मिशनों का सहयोग शामिल था। इस अभियान की निगरानी केंद्रीय मंत्री मंसुख मांडविया, के. राममोहन नायडू और डॉ. जितेंद्र सिंह ने की।
पांच वर्षों में सरकार ने की बड़ी प्रगति
साल 2021 से 2025 के बीच सरकार ने पांच वार्षिक स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इन अभियानों के तहत अब तक 23.62 लाख सरकारी दफ्तरों को कवर किया गया, 928.84 लाख वर्गफुट कार्यस्थल खाली कराए गए और 166.96 लाख फाइलें नष्ट या डिजिटाइज की गईं। कुल मिलाकर इन पहलों से 4097.24 करोड़ रुपये की आमदनी स्क्रैप बिक्री से हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मंत्रालयों को समयबद्ध लक्ष्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। सरकार का मानना है कि यह पहल स्वच्छता के साथ-साथ सुशासन और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।





