लुधियाना 9 नवंबर। लुधियाना शहर के लोगों द्वारा सालों पहले अपनी मेहनत के साथ जमा पूंजी जोड़कर जमीनें खरीदी। लेकिन आज उन जमीनों के रेट बढ़ने पर विवाद होने शुरु हो चुके हैं। लोगों की 25-25 साल पुरानी प्रॉपर्टियों पर कब्जे होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि शहर के कई लोग जो खुद को सफेदपोश दिखाते हुए घूमते थे। लेकिन आज वहीं लैंडर ग्रैबर बनते नजर आ रहे हैं। जमीन कब्जाने के ज्यादा मामले साउथ सिटी रोड के सामने आ रहे हैं। जहां पर सालों से रजिस्ट्रियां करवाकर बैठे लोगों को अब कुछ कब्जाधारी परेशान करने में लगे हैं। वह खुद को उक्त प्रॉपर्टियों के असली मालिक बता कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। जिस कारण एक आम शहरवासी जो सिर्फ अपने परिवार व कारोबार तक मतलब रखते हैं, आज उन्हें थाने व कहचरी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिसके चलते प्रशासन को चाहिए कि इन लैंड माफिया पर नुकेल डाले, ताकि शहरवासी चैन की सांस ले सके। मगर इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस बेबस नजर आ रही है। यहीं
भविष्य के लिए बनाई प्रॉपर्टी, अब विवादों में पड़ी
लोगों द्वारा 20-25 साल पहले अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट की गई, ताकि आगे जाकर वे जमीन उनके काम आ सके। लेकिन आज जब अचानक जमीनों के रेट बढ़ने पर उन्हें फायदा मिलने का समय आया तो लैंड माफिया ने कब्जे करने के प्रयास शुरु कर दिए। हैरानी की बात तो यह है कि जो जमीन मालिक पेमेंट देकर रजिस्ट्री करवाकर कब्जा लेकर बैठा है, वह 25 साल बाद आखिर गलत कैसे हो सकता है।
सफेदपोश भी निकल रहे लैंड ग्रैबर
वहीं इस प्रॉपर्टी विवादों में कई सफेदपोश भी लैंड ग्रैबर बनते नजर आ रहे हैं। इन सफेदपोशों द्वारा लोगों को प्रॉपर्टियां तो बेच दी गई, लेकिन फिर बाद में वहीं प्रॉपर्टियां विवादों में आ गई। अब जब विवाद होने शुरु हुए तो वहीं सफेदपोश अब लापता हो चुके हैं। जबकि मौजूदा प्रॉपर्टी मालिक और लैंड माफिया आपस में झगड़ने लगे हुए हैं। क्योंकि लैंड माफिया खुद को असली मालिक बताता है। जबकि प्रॉपर्टी के मौजूदा मालिक द्वारा पेमेंट देकर रजिस्ट्री करवाकर कब्जा ले रखा है।
प्रॉपर्टियां हो रही दागदार
इस पूरे घटनाक्रम में प्रॉपर्टियां दागदार हो रही है। क्योंकि कब्जे के विवाद को लेकर इन प्रॉपर्टियों को आसानी से कोई खरीदेगा भी नहीं, जिस वजह से पैसा देकर कब्जा लेने वाले लोगों के लिए यह नई मुसीबत खड़ी होती नजर आ रही है।
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