चंडीगढ़ 8 नवंबर। चंडीगढ़ के एक वकील ने पुलिस को एप्लिकेशन देकर पड़ोसी की पिटाई की इजाजत मांगी है। पुलिस के अलावा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, गृह सचिव, डीजीपी, एसएसपी और बार काउंसिल चेयरमैन को भी यह एप्लिकेशन भेजी गई है। वकील का कहना है कि पड़ोसी ने जानबूझकर उनकी नई थार रॉक्स पर खरोंचें मारकर उनका 1 लाख रुपए का नुकसान किया है। इस बारे में उन्होंने पुलिस को शिकायत दी थी लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। वकील ने यह भी तर्क दिया कि भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस के तहत उन्हें अधिकार प्राप्त है कि अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती तो वह सार्वजनिक रूप से व्यक्ति की पिटाई कर सकते हैं। हालांकि सेक्टर 34 पुलिस ने इस तरह की शिकायत मिलने से इनकार किया है लेकिन अधिकारी अभी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं है।
पड़ोसी ने थार की खराब
धर्मेंद्र सिंह रावत पेशे से वकील हैं और चंडीगढ़ के सेक्टर 44B में रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोसी ने ईर्ष्या की वजह से उनकी नई थार रॉक्स गाड़ी पर तेजधार वस्तु से कई बार खरोंचें डालीं, जिससे उन्हें एक लाख रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। धर्मेंद्र रावत ने आगे बताया कि जब उन्होंने सीसीटीवी फुटेज चेक की तो उसमें आरोपी स्पष्ट नजर आ रहा है। इसके बाद उन्होंने इस फुटेज के साथ इसकी शिकायत एसएसपी चंडीगढ़, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
वकील बोले- बीएनएस में मुझे पिटाई का अधिकार
रावत ने पत्र आरोप लगाया कि जब पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती, तो नागरिक को ‘भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS)’ की धारा 35(b) के तहत अपने शरीर और संपत्ति की रक्षा का अधिकार है। इसी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यदि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया, तो वे कानून के तहत सार्वजनिक रूप से थप्पड़ या मारने के लिए बाध्य होंगे।
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