तू जीते होए काउंसलर ते कीवे पर्चा दे देगा, तेरी गड्‌डी रोकी आ, जा तू पर्चा दे के दिखा, असी बेटा नहीं पियो हुदें आ

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अपने राजनीतिक गुरु की राह पर चल रहे वार्ड 61 के पार्षद पति इंद्रजीत इंदी

राजदीप सिंह सैनी

लुधियाना 7 नवंबर। लुधियाना नगर निगम के वार्ड 61 की पार्षद परमिंदर कौर इंदी के पति इंद्रजीत सिंह इंदी के राजनीतिक गुरु, जैसे कुछ भी बोलने से गुरेज नहीं करते और जनता के लिए कही भी लड़ जाते हैं। लोगों में चर्चा है कि अब उसी राह पर इंद्रजीत इंदी चल रहे है। इंदी शुरु से ही अपने गुरु की परछाई बनकर रहे और ऑफिशियल तौर पर उनके पीए भी रहे हैं। अपने गुरु जैसे ही तीखे अंदाज व तेवर शुक्रवार को इंदी में देखने को मिले। शुक्रवार को नगर निगम के जोन-ए के बाहर सड़क पर एडिशनल कमिश्नर परमदीप सिंह खैरा और इंद्रजीत इंदी के बीच विवाद हो गया। देखते ही देखते दोनों में तीखी बहस शुरु हो गई। दरअसल, एडिशनल कमिश्नर परमदीप खैरा को निगम मुलाजिमों ने शिकायत दी थी कि इंद्रजीत इंदी की और से सरकारी काम में रुकावट डाली जा रही है। जिसके चलते खैरा ने कहा था कि अगर कोई विधायक या पार्षद सरकारी काम में रुकावट डालेगा, तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी। जिस पर इंदी भड़क गए और इस बहसबाजी के दौरान उनके बोल भी बिगड़ गए। जिस पर उन्होंने पीसीएस अधिकारी खैरा को सीधा कह दिया कि तू जीते होए काउंसलर ते कीवे पर्चा दे देगा, तेरी गड्‌डी रोकी आ, जा तू पर्चा दे के दिखा, असी बेटा नहीं पियो हुदें आ। तू जो पर्चा देकर अपना चाह उतारना है, उतार लेना। अगर आप कहोगे कि पर्चा दे दो, तो मैं बता दूं हम घैंट के घैंट है, मैं यह वहम निकालने के लिए आया था।

पब्लिक का मुद्दा या राजनीति चमकाई

इस विवाद के बाद लोगों में चर्चा छिड़ गई कि इंद्रजीत इंदी के गुरु के भी तीखे तेवर के चलते वह जनता के बीच फेमस हुए थे। शायद अब इंदी भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं, क्योंकि लोगों को ऐसा नेता ही ज्यादा पसंद आता है। मगर लोगों में अब यह चर्चा छिड़ गई है कि क्या यह पब्लिक मुद्दा था, जिसके पीछे इतनी तिखी बहस हुई या फिर राजनीति चमकाने का प्रयास किया गया। लोगों में चर्चा है कि बहस की वीडियो सामने आने के बाद लग रहा है कि शायद यह पब्लिक मुद्दा नहीं था। हालांकि इंदी के उस्ताद ने जैसे राजनीति में रिकॉर्ड तोड़े, वैसे सीटिंग एमएलए स्वर्गीय गुरप्रीत गोगी की पत्नी और पांच बार की पार्षद सुखचैन बस्सी को हराकर इंदी की पत्नी ने पार्षद पद पर जीत हासिल की थी।

क्या इंद्रजीत इंदी पार्षद या उनकी पत्नी ?

वहीं इस बहस के दौरान इंद्रजीत इंदी बार बार यह कहते रहे कि जीते हुए पार्षद पर कैसे पर्चा दिया जा सकता है। लेकिन इस बातचीत की वीडियो सामने आने के बाद लोगों में चर्चा छिड़ गई कि निगम चुनाव में इंद्रजीत इंदी नहीं बल्कि उनकी पत्नी परमिंदर कौर इंदी ने जीत हासिल की थी। फिर इंदी खुद को कैसे पार्षद बताकर झगड़ा कर रहे हैं। वहीं लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि क्या महिला पार्षद के जीतने पर उनके पति सरकारी काम में दखल दे सकते हैं या नहीं।

सरकारी काम में डाली जा रही थी रुकावट

वहीं एडिशनल कमिश्नर परमदीप सिंह खैरा का कहना है कि बीएंडआर विभाग के मुलाजिमों ने शिकायत की थी कि कुछ नेता सरकारी काम में रुकावट डाल रहे हैं। जिसके चलते मीटिंग के दौरान कहा गया था कि सरकारी काम में कोई भी व्यक्ति रुकावट नहीं डाल सकता, फिर चाहे वह विधायक हो या पार्षद हो। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई होगी। किसी एक नेता को टारगेट नहीं किया गया था। मगर कुछ पार्षद व उनके रिश्तेदारों द्वारा शुक्रवार को ऑफिस आकर गलत शब्दावली प्रयोग की गई और फिर सड़क पर गाड़ी रोककर गलत शब्द इस्तेमाल किए गए।

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