दिल्ली की हवा में घुलता जहर अब हर साल दिवाली के बाद आम बात बन चुका है। डॉक्टरों ने लोगों को शहर छोड़ने तक की सलाह दी है। सोशल मीडिया पर लोग प्रदूषण को लेकर अपनी नाराज़गी जता रहे हैं, मगर समाधान पर बहुत कम लोग बात करते हैं। अलग-अलग सरकारों ने वादे तो किए, पर हालात जस के तस हैं। इसी बीच कुछ नए स्टार्टअप्स ऐसे सामने आए हैं, जिन्होंने इस समस्या को व्यापार के अवसर में बदल दिया।
शेलियोस (Shellios): हेलमेट जो हवा भी साफ करे
दिल्ली में शुरू हुआ यह स्टार्टअप पारंपरिक हेलमेट से अलग है। शेलियोस कंपनी एयर प्यूरीफायर हेलमेट बनाती है, जिसका वजन करीब 1.6 किलोग्राम है। इसमें ब्लूटूथ सिस्टम, हेडफोन स्पीकर और माइक की सुविधा है। इसका उद्देश्य सवार को प्रदूषित हवा से राहत देना है।
चक्कर इनोवेशन (Chakr Innovation): धुएं से स्याही बनाने का अनोखा विचार
आईआईटी दिल्ली के तीन छात्रों — अर्पित धूपर, कुशाग्र श्रीवास्तव और प्रतीक सचान — ने 2016 में इस कंपनी की शुरुआत की। यह तकनीक डीजल जनरेटर से निकलने वाले काले कार्बन को इकट्ठा कर उसे शुद्ध कर स्याही और पेंट में बदल देती है। कंपनी को 2017 में इंडियन ऑयल से 25 मिलियन का ऑर्डर मिला और बाद में कई फंडिंग राउंड में करोड़ों की राशि जुटाई।
नैनोक्लीन (Nanoclean): 10 रुपये में स्वच्छ हवा का वादा
आईआईटी दिल्ली के तीन छात्रों द्वारा शुरू की गई इस कंपनी ने 2017 में सिर्फ 10 रुपये के मास्क से पहचान बनाई। कंपनी का दावा है कि इसका फिल्टर 95 फीसदी पीएम 2.5 कणों को रोकता है। अब यह स्टार्टअप मास्क से लेकर एसी फिल्टर तक के उत्पाद बना रहा है, ताकि दिल्लीवासियों को राहत की सांस मिल सके।





