कुछ दिन पहले पुलिस स्टेशन सारंगपुर बम से उड़ने की भी धमकी आई थी सामने
एक्सूक्टिव इंजीनियर ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को अस्थाई पुलिस स्टेशन की पार्किंग और पार्क एरिया में बाउंड्री वॉल और फेंसिंग को हटाने के जारी किए निर्देश
संदीप सैंडी
चंडीगढ़ 05 Nov – चंडीगढ़ नगर निगम ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि धनास के 4 मंजीला मकानों में बने अस्थाई पुलिस स्टेशन की बाउंड्री वॉल और फेसिंग को हटाया जाए। मामला 8448 स्मॉल धनास से जुड़ा है, जहां विभाग पलिस दिन पुलिस अस्थायी स्टेशन के साथ सटे पार्किंग और पार्क एरिया में बाउंडी वॉल और पेसिंग खड़ी कर दी थी। पार्किंग और पार्क एरिया में बनी अवैध बाउंड्री वॉल और फेसिंग को लेकर सोशल एक्टिविस्ट अखिल बंसल ने शिकायत की थी। करीब 2 वर्ष सरकारी दफतरों के चक्कर काटने के बाद निगम ऑफीस ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द पार्किंग और पार्क एरिया में बाउंड़े बॉल और फेसिंग को हटाया जाए। सोशल एक्टिविस्ट अखिल बंसल की शिकायत पर नगर निगम ने जांच की और अब सी.पी. डिवीजन नंबर-2 (आर) के एक्यूक्टिव इंजीनियर ने चंडीगढ़ हाडसिंग बोर्ड (सीएचबी) को इस पार्किंग और पार्क एरिया में बाउंड्री बॉल और फेसिंग को हटाने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, पुलिस विभाग के सूत्रों का कहना है कि बाउंड्री वॉल सुरक्षा कारणों से बनाई गई थी, ताकि अस्थायी पुलिस स्टेशन परिसर में आने-जाने वाले लोगों की निगरानी की जा सके। विभाग के अनुसार, यह निर्माण सुरक्षा जरूरतों के तहत किया गया था, किसी कब्जे की मंशा से नहीं।

2013 से जुड़ी है मामले की जड़ मामले की जड़ :- मामले की जड़ 2013 से जुड़ी है। उस समय यू.टी. चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल ने हाउसिंग बोर्ड को पत्र लिखकर 132 फ्लैट पुलिस विभाग को आवंटित करने और परिसर में दो नई सेंट्री पोस्टों सहित एक बाउंड्री वॉल के निर्माण की अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलने के बाद नगर निगम ने यह निर्माण कार्य ‘डिपॉजिट वर्क’ के तहत करवाया था और मरम्मत के चाद फ्लैट पुलिस विभाग को सौंप दिए गए थे। हालांकि, अब जो विवाद खड़ा हुआ है, वह इस बात पर है कि पार्किंग और पार्क एरिया में बनाई गई यह बाउंड्री वॉल हाउसिंग बोर्ड के मूल नक्शे के अनुसार नहीं थी। निगम के एक्सूक्टिव इंजीनियर कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि इस एरिया से संबंधित कोई भी आर्किटेक्चरल ड्रॉइंग या स्वीकृत नक्शा रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
सोशल एक्टिविस्ट का बयान :- अखिल बंसल ने बताया कि वह इस मुद्दे को पिछले कई महीनों से उठा रहे थे। उन्होंने कहा कि यह जनता की जमीन है, और इसका उपयोग आम लोगों की सुविधा के लिए होना चाहिए। किसी भी विभाग को यह अधिकार नहीं कि बिना स्वीकृति सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करे। निगम का यह कदम स्वागत योग्य है. लेकिन कार्रवाई जल्द और निष्पक्ष होनी चाहिए।
निगम की सख्ती :- नगर निगम के एक्सूक्टिव इंजीनियर द्वारा 29 अक्तूबर 2025 को जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि बाउंड्री वॉल और फेसिंग को जल्द से जल्द हटाया जाए ताकि सामाजिक कार्यकर्ता अखिल बंसल द्वारा दर्ज की गई शिकायत का निपटारा किया जा सके।
अवैध कब्जे का आरोप :- सामाजिक कार्यकर्ता अखिल बंसल ने शिकायत में आरोप लगाया था कि पुलिस विभाग ने पार्किंग और पार्क क्षेत्र को कब्जे में लेकर अपने नियंत्रण में ले लिया है. जिससे स्थानीय निवासियों को असुविधा का सामना करना पड रहा है। उन्होंने यह भी करण कि यह सार्वजनिक भूमि थी, जिसका उपयोग आम नागरिकों के लिए होना चाहिए था, न कि किसी विभागीय सीमांकन के लिए। शिकायत के बाद नगर निगम ने पूरे मामले की जांच शुरू की और हाउसिंग बोर्ड को रिपोर्ट सौंपी। जांच में यह पाया गया कि किसी भी स्वीकृत नक्शे में उक्त बाउंड्री वॉल या फेसिंग का उल्लेख नहीं है, जिससे यह निर्माण नियमों के विरुद्ध माना गया।
मामले को लेकर एसएचओ मिनी भारद्वाज थाना सारंगपुर की निगरानी में पुलिस टीम द्वारा की गई। पुलिस ने बताया कि सारंगपुर :- चंडीगढ़ के सभी पुलिस स्टेशनों के पास केस प्रॉपर्टी और गाड़ियों को रखने के लिए बहुत जगह है, लेकिन सारंगपुर पुलिस स्टेशन के पास गाड़ियों को अंदर रखने की जगह नहीं है, इसलिए स्टाफ के पास कोई और ऑप्शन नहीं है और सभी केस वाली गाड़ियां और ड्यूटी स्टाफ की गाड़ियां सारंगपुर पुलिस स्टेशन के सामने खुली जगह में खड़ी की जाती हैं। एक ही जगह पर दो यूनिट एक साथ चल रही हैं.. सारंगपुर पुलिस स्टेशन और PO समन स्टाफ.. इसलिए असल में जगह खाली करना मुमकिन नहीं है। सारंगपुर पुलिस स्टेशन के लिए नई बिल्डिंग का प्रपोज़ल है और यह अभी पाइपलाइन में है। सारंगपुर पुलिस स्टेशन के अंदर पब्लिक के लिए बैठने की जगह या वॉशरूम नहीं है… इसलिए पुलिस को ये सारी दिक्कतें खुद ही मैनेज करनी पड़ती हैं।





