चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले के 26 गवाहों को जान से मारने की धमकी !

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

एनआईए की याचिका पर गवाहों की सुरक्षा को मंज़ूरी,  आतंकी रिंदा और पासिया ने कराया था हमला

चंडीगढ़, 1 नवंबर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए को चंडीगढ़ के सैक्टर-10 में ग्रेनेड हमले के मामले में बड़ी जानकारी मिली है। एजेंसी ने ज़िला अदालत को बताया कि इस मामले से जुड़े 26 गवाहों की जान को गंभीर खतरा है।

जानकारी के मुताबिक गवाहों की सुरक्षा व गोपनीयता की मांग करते हुए एनआईए ने दो दिन पहले चंडीगढ़ ज़िला अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने अब इस याचिका को मंज़ूरी देते हुए सभी 26 गवाहों की सुरक्षा व उनकी पहचान गोपनीय रखने का निर्देश दिया है। अदालत ने ज़ोर देकर कहा कि गवाहों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह मामला आतंकवादियों और गैंगस्टरों से जुड़ा है और मुक़दमा ज़िला अदालत में चल रहा है।

गौरतलब है कि यह ग्रेनेड  हमला पिछले साल 11 सितंबर, 2024 को हुआ था। इसकी योजना पाकिस्तान स्थित बीकेआई के आतंकियों हरविंदर सिंह संधू उर्फ ​​रिंदा व हैप्पी पासिया ने बनाई थी। उनके निर्देश पर दो युवकों रोहन व विशाल मसीह ने सैक्टर-10 स्थित एक घर पर हथगोला फेंका था। हालांकि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन इस विस्फोट से पंजाब और चंडीगढ़ की सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई थी। रिपोर्टों से पता चलता है कि निशाना पंजाब पुलिस के एक पूर्व अधिकारी थे, जो सौभाग्य से हमले के दौरान घर पर नहीं थे।

जांच से पता चला है कि दोनों हमलावर इलाके की टोह लेने के बाद सैक्टर-43 बस स्टैंड से एक ऑटो-रिक्शा में सैक्टर-10 पहुंचे थे। ग्रेनेड फेंकने के बाद वे उसी ऑटो में भागे। ऑटो चालक कुलदीप कुमार को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया। बाद में रोहन और विशाल को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि तीसरा आरोपी अभिजोत सिंह होशियारपुर जेल में है। तीनों के खिलाफ चंडीगढ़ जिला न्यायालय में मुकदमा जारी है। एनआईए की याचिका पर, अदालत ने फरार आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ ​​रिंदा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। जांच में बीकेआई से जुड़े एक अन्य आतंकवादी शमशेर सिंह उर्फ ​​शेरा की संलिप्तता भी पता चली, वह भी फरार है।

चंडीगढ़ स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने ग्रेनेड हमले के मामले में ​​शेरा को वांटेड घोषित करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। उन्हें 4 नवंबर की सुबह अदालत में पेश होने को बुलाया है। अगर वह पेश नहीं होता है तो उसे पीओ घोषित कर दिया जाएगा। पंजाब के तरनतारन का निवासी रिंदा बाद में महाराष्ट्र के नांदेड़ चला गया। सितंबर 2011 में उसे एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। कई आपराधिक मामलों में शामिल होने के बाद, वह फर्जी पासपोर्ट के जरिए नेपाल के रास्ते पाकिस्तान भाग गया, जहां कथित तौर पर उसे पाकिस्तान की आईएसआई ने भर्ती कर लिया था। पाकिस्तान से, रिंदा ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार व ड्रग्स भेजने शुरू किए। कुख्यात गैंगस्टर से आतंकवादी बना रिंदा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र में हत्याओं, सुपारी किलिंग, डकैती, जबरन वसूली और झपटमारी के मामलों में शामिल रहा है। वह मई 2022 में पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी हमले और कई अन्य आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल था। 2023 में भारत सरकार ने उसे व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित किया।

———-