इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक अब भारत में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी 30 और 31 अक्टूबर को मुंबई में डेमो रन आयोजित करेगी। यह कदम भारत में रेगुलेटरी क्लियरेंस पाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डेमो के दौरान प्रोविजनल स्पेक्ट्रम का उपयोग किया जाएगा, जिसे फिलहाल अस्थायी तौर पर आवंटित किया गया है। सुरक्षा और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियां इस पूरे परीक्षण पर करीबी नजर रखेंगी।
टेस्टिंग में दो प्रमुख चीजों पर ध्यान दिया जाएगा — डेटा एनक्रिप्शन, यूजर ट्रैकिंग और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स की जांच और इंटरनेट स्पीड, लेटेंसी और कनेक्टिविटी का मूल्यांकन।
मुंबई में दफ्तर किराए पर, सालाना किराया बढ़ेगा 5%
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने मुंबई के चांदिवली स्थित बूमरैंग बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर 1,294 वर्ग फीट ऑफिस स्पेस किराए पर लिया है।
यह लीज 14 अक्टूबर से शुरू हुई है और पांच साल के लिए है। कंपनी हर महीने ₹3.52 लाख से अधिक किराया देगी, जिसमें हर साल 5% की बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा कंपनी ने ₹31.7 लाख का सिक्योरिटी डिपॉजिट भी जमा किया है। इससे स्पष्ट है कि स्टारलिंक ने भारत में अपना बिजनेस सेटअप शुरू कर दिया है और अब केवल अंतिम मंजूरी का इंतजार है।
स्टारलिंक से बढ़ेगा कॉम्पिटिशन, घटेंगे दाम
भारत का सैटेलाइट ब्रॉडबैंड मार्केट अभी विकास के दौर में है। जियो और एयरटेल जैसी कंपनियां भी इस क्षेत्र में उतर चुकी हैं, लेकिन स्टारलिंक की ग्लोबल-ग्रेड टेक्नोलॉजी से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे इंटरनेट सेवाएं सस्ती और अधिक भरोसेमंद हो सकती हैं।
ग्रामीण भारत को मिलेगा बड़ा फायदा
स्टारलिंक के सैटेलाइट्स पृथ्वी की निचली कक्षा में घूमते हैं, जिससे हाई-स्पीड इंटरनेट संभव होता है। यह सेवा ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जहां सामान्य इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचना मुश्किल है। इससे ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन और छोटे बिजनेस को नई दिशा मिल सकती है।





