जीरकपुर के छतबीड़ जू में चार्जिंग पर लगी 20 इलैक्ट्रिक गाड़ियां जलकर खाक, ओवरचार्जिंग से बैटरी में ब्लास्ट
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अभी अधिकारिक तौर पर आग लगने का कारण नहीं पता चला, एक्सपर्ट्स की राय-ऐसे आग लगना मुमकिन नहीं
चंडीगढ़, 28 अक्टूबर। यहां जीरकपुर के महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क यानि छतबीड़ जू में खड़ी 20 इलैक्ट्रॉनिक गाड़ियों में मंगलवार सुबह भीषण आग लग गई। पर्यटकों को घुमाने के लिए इस्तेमाल होने वाली ये सभी गाड़ियां चार्जिंग पर लगी थीं।
एकाएक भड़की आग, गाड़ियां हो गईं खाक :
जानकारी के मुताबिक चिड़ियाघर के कर्मचारी कुछ समझ पाते, इससे पहले आग ने वहां खड़ी अधिकतर गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। चार्जिंग स्टेशन में खड़े 20 इलैक्ट्रिक वाहन जलकर राख हो गए। स्टाफ ने घटना की सूचना फायर ब्रिगेड के अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही मोहाली, डेराबस्सी और जीरकपुर के दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। अधिकारिक तौर पर आग लगने के कारणों का पता नहीं लग पाया। हालांकि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सुरक्षा कर्मियों ने एहतियातन दर्शकों की चिड़ियाघर में एंट्री रोक दी है।
शुरुआती जांच में बैटरी ब्लास्ट होने की आशंका :
उधर, पार्क अधिकारी हरपाल सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है ओवर चार्ज होने के बाद बैटरी में ब्लास्ट हुआ था। इस मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं फायर ब्रिगेड की टीम को आग पर काबू पाने में दिक्कतें आ रही थीं, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन होने के कारण उनमें धमाके हो रहे थे। बावजूद इसके, टीम ने लगभग आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया।
शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका : फायर अफसर
जीरकपुर के फायर अफसर राजीव कुमार के मुताबिक करीब पौने घंटे में आग पर काबू पा लिया था। 20 गाड़ियां जली है। शार्ट सर्किट वजह बताई जा रही है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। ठेकेदार के कर्मियों ने बताया कि छतबीड़ चिड़ियाघर में टोटल 28 इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां थी जिसमें से 20 चलकर खाक हो गईं पीछे 8 गाड़ियां रह गई हैं। पार्क अधिकारी हरपाल सिंह का कहना है कि प्राइवेट ठेकेदार की गाड़ियां जली हैं। आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। शुरुआती जांच में पता चला है ओवर चार्ज होने के बाद बैटरी में ब्लास्ट हुआ था। इस मामले की जांच कराई जाएगी। जल्दी ही उच्च अधिकारियों की मीटिंग होगी।
पर्यटकों को उठानी पड़ेगी दिक्कत :
जिस तरह ये गाड़ियां जल गई हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में लोगों को दिक्कत उठानी पड़ सकती है। हालांकि अभी तक जू की तरफ से यह जानकारी नहीं आई है कि भविष्य के लिए उनकी तरफ से क्या इंतजाम किए जाएंगे। इसी साल फरवरी महीने में भी एक हादसा हुआ था। उस दौरान टूरिस्टों को ले जाने वाली गाड़ी अचानक पलट गई थी। हादसे में छह लोग घायल हो गए थे, जिनके सिर, बाजू और टांगों में चोटें आई थीं। हालांकि किसी तरह का जानी नुकसान होने से बचाव हो गया था।
एक्सपर्ट्स की राय :
बैटरी ऐसे ब्लास्ट नहीं होती है : राजकुमार
–ई-मैजिक इलैक्ट्रिकल के संचालक राजकुमार ने दोटूक कहा कि वह लंबे समय से इसी कारोबारी में हूं। चार्जिंग के दौरान बैटरी कभी ब्लास्ट नहीं होती, उसमें ऑटो कट लगा होता है। छत्तबीड़ जू वाले हादसे के पीछे कोई शरारत भी हो सकती है।
ओवरचार्जिंग होते ही ऑटो-कट लगता है : सेठ
–इसी पेशे से जुड़े कारोबारी राजेश सेठ का कहना है कि बैटरी में ऑटो-कट लगा होता है। एक साथ इतनी इलैक्ट्रिक गाड़ियों में आग लगने की और वजह हो सकती है। कई बार वाहन चालक पैसा बचाने के चक्कर में घटिया क्वालिटी की बैटरी का इस्तेमाल भी कर लेते हैं।
इस मामले में गंभीरता से जांच हो : शम्मी
–इलैक्ट्रिक वाहनों के कारोबारी शम्मी कांडा मानते हैं कि इलैक्ट्रिक वाहन की बैटरी चार्ज करते समय आमतौर पर ब्लास्ट नहीं होता है। छत्तबीड़ जू वाली घटना की गंभीरतापूर्वक जांच कराने की जरुरत है।
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