जीरकपुर 23 Oct : शहर की पॉश और बड़ी 200 फीट रोड पर कई नामी कंपनियों के रिहायशी और व्यावसायिक प्रोजेक्ट हैं। पीआर 7 रोड की अधिकांश सोसाइटियां आबाद हो चुकी हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि मेकडी से लेकर छत लाइट प्वाइंट तक लगभग 3 से 5 किलोमीटर के क्षेत्र में सीवरेज लाइन नहीं बिछाई गई है।
सोसाइटियों ने केवल दिखावे के लिए एस्टीपी (STP) लगाए हैं, लेकिन वह ऑपरेशनल नहीं हैं। रोड पर मौजूद सोसाइटियों द्वारा सीवरेज का पानी या तो खुले में गिराया जा रहा है या रात और सुबह टैंकरों में भरकर खुले में फेंक दिया जा रहा है। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिल्डर और प्रशासन के अधिकारी जिम्मेदार हैं, जो इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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पीआर 7 रोड पर रिहायशी सोसाइटियों में एक फ्लैट की कीमत डेढ़ से दो करोड़ तक है। इतने महंगे फ्लैट लेने के बाद भी यदि सीवरेज जैसी मूलभूत समस्या रहती है तो यह उपभोक्ताओं के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
सरकारी आदेशों के अनुसार नए प्रोजेक्ट्स को तब तक परमिशन नहीं दी जा सकती जब तक एस्टीपी की सुविधा उपलब्ध नहीं होती। इसके बावजूद शहर में धड़ल्ले से निर्माण जारी है। वर्तमान में शहर में मात्र 16.5 MLD की एक ही एस्टीपी है, जो भी सही तरीके से काम नहीं कर रही है और दूषित पानी बिना ट्रीट किए घग्गर नदी में गिराया जा रहा है।
कोट्स
जसबीर सिंह, जेई सीवरेज बोर्ड विभाग जीरकपुर:
“पीआर 7 रोड पर सीवरेज लाइन नहीं है। नई लाइन बिछाने के लिए नगर परिषद से आसपास जगह की मांग की गई है। रोड की ढलान घग्गर की तरफ है, इसलिए एस्टीपी भी इसी तरफ बनेगी। जमीन मिलने के बाद टेंडर आदि प्रक्रिया में लगभग एक साल का समय लगता है।”
परविंदर सिंह भट्टी, कार्यकारी अधिकारी जीरकपुर:
“एस्टीपी लगाने के लिए जमीन की तलाश कर ली गई है और जल्द ही एस्टीमेट तैयार कर काम शुरू किया जाएगा। पीआर 7 रोड की सभी सोसाइटियों को आदेश दिए गए हैं कि सीवरेज का पानी ट्रीट करने के बाद ही इस्तेमाल करें। यदि कोई खुले में गिराते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”