OLA का एनर्जी स्टोरेज मार्केट में एंट्री का प्लान:यह कंपनी का पहला नॉन व्हीकल प्रोडक्ट

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इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक अब एनर्जी स्टोरेज मार्केट में कदम रखने का प्लान बना रही है। ओला के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर भाविश अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर कर इसका संकेत दिया।

इस दिवाली हम अपना पहला नॉन व्हीकल प्रोडक्ट लॉन्च कर रहे हैं। पावर हमेशा से एक यूटिलिटी रही है, लेकिन अब यह डीप टेक बन गई है – इंटेलिजेंट, पोर्टेबल और पर्सनल। 17 अक्टूबर को हमारे साथ बने रहें।’

एनर्जी स्टोरेज मार्केट 2030 तक ₹2.64 लाख करोड़ तक बढ़ेगा

भाविश की इन दोनों पोस्ट से पता चलता है कि OLA इलेक्ट्रिक व्हीकल के अलावा एनर्जी सेक्टर में उतरने जा रही है। PTI की रिपोर्ट के अनुसार, एनर्जी स्टोरेज का मार्केट 2030 तक 30 बिलियन डॉलर यानी 2.64 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है।

 

वहीं OLA इलेक्ट्रिक ने बीएसई फाइलिंग में कहा, ‘हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हिकल कंपनी OLA इलेक्ट्रिक, एनर्जी सेक्टर में अपने नए प्रोडक्ट को पेश करेगी, जिसका नाम ‘OLA शक्ति’ है। हालांकि, कंपनी ने OLA शक्ति के बारे में कोई जानकारी का खुलासा नहीं किया है।

नया प्रोडक्ट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से जुड़ा हो सकता है

कंपनी का नया प्रोडक्ट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से जुड़ा हो सकता है, जो घरों और व्यवसायों के लिए होगा। OLA इस प्रोडक्ट में अपनी तमिलनाडु गिगाफैक्ट्री में बनी 4680 भारत सेल टेक्नोलॉजी का यूज करेगी। यानी इस प्रोडक्ट में सोलर या ग्रिड की बिजली को स्टोर करके जरूरत पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

डिस्ट्रीब्यूटेड एनर्जी सॉल्यूशंस की मांग बढ़ रही

OLA ऐसे समय मार्केट में एंट्री कर रही है, जब डिस्ट्रीब्यूटेड एनर्जी सॉल्यूशंस की मांग बढ़ रही है। अगर OLA बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) मार्केट में आ रही है, तो कंपनी को फायदा होगा। क्योंकि उसके पास पहले से इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, जो ट्रेडिशनल तरीकों से मार्केट में एंट्री करने की उसकी बाधाओं को कम कर देगा।
इसकी 5 GWh कैपेसिटी वाली गिगाफैक्ट्री को स्टोरेज के कामों के लिए आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, वो भी बिना ज्यादा पैसा खर्च किए। साथ ही पूरे देश में फैले OLA इलेक्ट्रिक के स्टोर्स रिहायशी और कमर्शियल ग्राहकों के लिए तुरंत डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट्स का काम करेंगे।

कंपनी के यह सभी एसेट उसे BESS इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की तुलना में तेजी से मार्केट में कदम रखने में मदद करेंगे। भारत का एनर्जी स्टोरेज सेक्टर शुरुआती कंपनियों के लिए बड़ी संभावनाएं देता है। OLA की एंट्री देश में मैन्युफैक्चरिंग की कैपेसिटी को बढ़ाएगा, खासकर जब सरकार लोकल प्रोडक्शन को प्राथमिकता दे रही है।