चंडीगढ़ में हरियाणा के सीनियर आईपीएस के सुसाइड केस में हिली रही बीजेपी की केंद्र सरकार, हफ्ते बाद हुआ संस्कार

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अब दूसरी मुसीबत ! हरियाणा के एएसआई ने लाठर ने की आत्महत्या, दोनों मामलों से जुड़ा रहस्य और गहराया

चंडीगढ़, 15 अक्टूबर। हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले से केंद्र सरकार तक हिली थी। आखिरकार एक हफ्ते बाद पोस्टमार्टम के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। दरअसल दिवंगत आईपीएस की पत्नी व हरियाणा की सीनियर आईएएस अफसर अमनीत पी.कुमार सुसाइड नोट में दर्ज वरिष्ठ अधिकारियों पर एफआईआर के बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर अड़ी थीं। खैर, हरियाणा की सैनी सरकार से लेकर केंद्र के भाजपा नेताओं ने उनको मना लिया।

सैनी सरकार फिर संकट में !

गौरतलब है कि एक हफ़्ते तक हरियाणा की बीजेपी सरकार के लिए संकट बने इस केस के निपटते ही नई मुसीबत पैदा हो गई। हरियाणा पुलिस में एक और आत्महत्या ने हड़कंप मचा दिया। एएसआई संदीप कुमार लाठर ने यहां लाधौत गाँव में अपनी सर्विस पिस्तौल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने कथित तौर पर एक छह मिनट का वीडियो और चार पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है। जिसमें दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।

सुसाइड करने वाले एएसआई के आरोप से रहस्य बढ़ा :

सुसाइड करने वाले एएसआई लाठर द्वारा दिवंगत आईपीएस पर पूरन कुमार पर संगीन इलजाम लगाने से दोनों मामले और संगीन हो गए हैं। ऐसे में आईपीएस की आत्महत्या का मामला भी सवालों के घेरे में आ गया है, क्योंकि दोनों ने विरोधाभासी दावे किए हैं। लाठर का शव खेतों में बने एक कमरे में मिला। वह रोहतक स्थित एसपी कार्यालय के साइबर सेल में तैनात थे। वह उस टीम के सदस्य थे, जिसने स्थानीय शराब व्यवसायी से रंगदारी मांगने के मामले में आरोपी सुशील को गिरफ्तार किया था। संदीप के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटियाँ हैं।

डीजीपी को लंबी छुट्‌टी पर भेजते ही लाठर-काड :

एएसआई लाठर की मौत सोमवार देर रात राज्य सरकार द्वारा डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेजे जाने के कुछ घंटों बाद हुई। इससे पहले, सरकार ने रोहतक के तत्कालीन एसपी नरेंद्र बिजारनिया का तबादला कर दिया था। पूरन कुमार ने अपने पीछे छोड़े गए एक नोट में इन दोनों अधिकारियों का नाम लिया था। दूसरी तरफ, सुसाइड नोट में लाठर ने पूरन कुमार और उनके अधीनस्थ कर्मचारियों पर जातिगत आधार पर भ्रष्टाचार, उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए। साथ ही वीडियो भी जारी किया, जिसकी पुलिस अभी जांच कर रही है। उसने तत्कालीन डीजीपी शत्रुजीत कपूर और बिजारनिया की प्रशंसा करते हुए उन्हें ईमानदार अधिकारी बताया। वहीं, ज़िला पुलिस ने इस घटना पर दुख जताते संतुलित बयान जारी किया।

लाठर का पोस्टमार्टम ना कराने पर अड़े परिजन :

जब पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए एएसआई के शव को कब्जे में लेने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने उन्हें रोक दिया। वे शव लाठर के मामा के घर ले गए और अपनी माँगें पूरी होने तक उसे सौंपने से इंकार कर दिया। वे दिवंगत आईपीएस पूरन कुमार के समर्थकों, जिनमें राजनीतिक नेता भी शामिल हैं, के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए।

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