सभी प्रमुख दलों में रही पैठ, मगर कोई सियासी-दुश्मन नहीं बना, अब पंजाब में राज्यसभा चुनाव में आप उम्मीदवार
लुधियाना, 14 अक्टूबर। पंजाब में करीब चार दशक से राजनीति में सक्रिय राजिंदर गुप्ता ‘पॉल्टिकल-इंजीनियरिंग’ की नायाब मिसाल माने जाते हैं। संयोग देखिए, बिना कोई चुनाव लड़े इतने लंबे दौर में उन्होंने पंजाब से लेकर केंद्र तक सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में हमेशा गहरी पकड़ रखी। चाहे पंजाब और केंद्र में अलग-अलग दलों की सत्ता रही हो, उनसे नजदीकियां बनाने में कभी किसी ने गुरेज नहीं किया। इसे उनके नरम-मिलनसार मिजाज, दूरदर्शी सोच और सब दलों के प्रति संयमित-मर्यादित भाषा का नतीजा ही माना जाता है।
रास उम्मीदवार बने तो लोग चौंके :
इत्तेफाक से, अब पंजाब में राज्यसभा सीट से सूबे की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने उनको अपना उम्मीदवार बनाया तो तमाम लोग चौंके। जो शायद यह नहीं जानते होंगे कि लंबे अरसे से पंजाब समेत अन्य राज्यों और केंद्र तक उनके राजनीतिक दलों से बेहद नजदीकी रिश्ते रहे हैं। जाहिर तौर पर इसीलिए आप ने उनको रास चुनाव के लिए सबसे बेहतर मिसाल माना।
राजनीति में गिरावट के दौरान जगाई आस :
माना जाता है कि आम से लेकर खास आदमी तक राजनीतिक मंच पर आकर देश-दुनिया में खास पहचान बनाने की चाहत रखता है। जबकि राजनीति में तेजी से आई गिरावट के इस दौर में राजिंदर गुप्ता हर वर्ग, खासकर युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हैं। उनके सियासी-सफर के ताजा पड़ाव तक पड़ताल करें तो उन्होंने समाज के लिए एक आदर्श मिसाल कायम की है। जिसका यही संदेश है कि केवल धनबल, बाहुबल और अहंकार से राजनीति में भी बड़ी सफलता नहीं मिलती है। उसके लिए विनम्र स्वभाव, दूरदर्शिता, संयम और निरंतर संघर्ष की आवश्यकता होती है।
————