चंडीगढ़, 14 अक्टूबर — हरियाणा के सहकारिता, विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक राज्य–एक वैश्विक गंतव्य संकल्प के तहत महेंद्रगढ़ की ढोसी की पहाड़ी और नारनौल को दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर लाने का प्रस्ताव रखा । उन्होंने कहा कि यदि पर्यटन मंत्रालय ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर की नगरी महेंद्रगढ़–नारनौल को विकसित करे तो देश ही नहीं, विदेशी पर्यटक भी एक शानदार पर्यटन स्थल का अनुभव कर पाएंगे।
पर्यटन मंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक एवं अरावली पर्वतमाला में स्थित इस शानदार स्थल के विकसित होने से दक्षिण हरियाणा में रोमांच, धरोहर, प्राकृतिक चिकित्सा और खेल आधारित गतिविधियों का केंद्र तैयार होगा, जिसके सामाजिक, आर्थिक, व्यापारिक और पर्यटन संबंधी दूरगामी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
मंगलवार को हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा झीलों की नगरी उदयपुर (राजस्थान) में पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राज्य पर्यटन मंत्रियों की बैठक में संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के बजट के अनुरूप 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों के विकास पर राज्यों के प्रस्तावों पर मंथन हुआ।
हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि एक राज्य–एक वैश्विक गंतव्य योजना के तहत प्रदेश में महेंद्रगढ़ की ढोसी की पहाड़ी और विरासत नगरी नारनौल को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ढोसी की पहाड़ी और नारनौल की बावड़ियों, मकबरों व महलों जैसी धरोहरों को दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जाना समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और दक्षिण हरियाणा की अरावली श्रृंखला में स्थित यह क्षेत्र न केवल वैश्विक पर्यटन गलियारा विकसित करेगा बल्कि सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों, स्थानीय औद्योगिक इकाइयों और उद्यमियों के लिए अपार संभावनाएं उत्पन्न करेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार पूरी तरह तैयार है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में ढोसी की पहाड़ी और नारनौल की ऐतिहासिक हवेलियों, किलों, कुओं, बावड़ियों, छतरियों, द्वारों, मंदिरों, गुंबदों और स्मारकों को एकीकृत विरासत विकास योजना के तहत संरक्षण और पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ढोसी की पहाड़ी को रोमांचक एवं सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करते हुए ट्रैकिंग, रोपवे प्रोजेक्ट, पर्यावरण अनुकूल शिविर, स्काई डाइविंग, सांगीतिक प्रस्तुतियों, शिल्प बाजार और कारीगरों के प्रदर्शन जैसी गतिविधियों को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा। इससे तीन सितारा व पांच सितारा होटल, होम स्टे और अन्य राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं के विकास से क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों में उछाल आएगा, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि हरियाणा भगवान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि है, जहां कुरुक्षेत्र में ऐतिहासिक महाभारत युद्ध हुआ था। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इंडोनेशिया के बाली में गरुड़ विष्णु सांस्कृतिक पार्क में विशालकाय प्रतिमा वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करती है, उसी प्रकार हरियाणा में भी भगवान श्रीकृष्ण की विशालकाय प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए, जो देशी–विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगी।
उन्होंने फरीदाबाद को व्यावसायिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का भी प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली से सटा होने और व्यावसायिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र होने के साथ-साथ फरीदाबाद में पर्यटन विभाग के उत्कृष्ट रिजॉर्ट, गोल्फ कोर्स और सूरजकुंड में विश्वस्तरीय आवासीय सुविधाएं मौजूद हैं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद जैसे क्षेत्रों में अरावली की सुंदरता और प्राकृतिक संरचना के बीच बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों के अवसरों को बढ़ाने की आवश्यकता है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने राष्ट्रीय बैठक के दौरान उपस्थित पर्यटन मंत्रियों को कुरुक्षेत्र में 15 नवंबर से प्रारंभ हो रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव और फरवरी माह में फरीदाबाद में आयोजित होने वाले 39वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्रियों को पुरातत्व विभाग, हरियाणा द्वारा ऐतिहासिक धरोहरों पर आधारित स्मारिका भेंट की।
इस अवसर पर पर्यटन विभाग के निदेशक डॉ. शालीन और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक अमित खत्री भी उपस्थित रहे।