विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को भारत में तीन मिलावटी कफ सिरप को लेकर चेतावनी जारी की है। इनमें श्रीसन फार्मास्यूटिकल की कोल्ड्रिफ, रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा की रीलाइफ सिरप की खेप शामिल हैं।
बच्चों की मौत से जुड़ा मामला
रॉयटर्स के अनुसार, WHO ने कहा कि ये सिरप गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं और जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं। कोल्ड्रिफ वही सिरप है, जिससे मध्य प्रदेश में सितंबर से अब तक 5 साल से कम उम्र के 25 बच्चों की मौत हुई है। जांच में पाया गया कि सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा तय सीमा से लगभग 500 गुना ज्यादा थी।
WHO ने 9 अक्टूबर को भारत से पूछा था कि क्या यह सिरप विदेशों में भी निर्यात हुआ था। भारत की दवा नियामक संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने स्पष्ट किया कि कोई भी मिलावटी सिरप विदेश नहीं भेजा गया और न ही अवैध निर्यात का कोई सबूत मिला है। तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित फैक्ट्री से सोमवार रात कोल्ड्रिफ सिरप के नमूने जब्त किए गए।
कांचीपुरम की श्रीसन फार्मास्यूटिकल कंपनी का लाइसेंस तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने रद्द कर दिया है और कंपनी को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन (75) को 9 अक्टूबर को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 20 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
जांच में सामने आया कि कोल्ड्रिफ सिरप में नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल किया गया था। इसमें 48.6% DEG पाया गया, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने वाला जहर है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की सलाह दी है और कहा है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में इसका उपयोग बेहद सावधानी से किया जाए।