उच्च न्यायालय ने हाल ही में सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) को निर्देश दिया है कि वह ऑडिटेड आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2025 तक बढ़ाए। यह आदेश उन करदाताओं के लिए राहत की खबर लेकर आया है, जिन्हें ऑडिट रिपोर्ट और टैक्स रिटर्न दाखिल करने में समय की कमी का सामना करना पड़ रहा था।
न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कानून के अनुसार, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर (ऑडिट) के दाखिल करने की तिथि के बीच कम से कम एक महीने का अंतराल होना अनिवार्य है। अदालत ने कहा कि सीबीडीटी द्वारा जारी किए गए परिपत्र, यदि यह अंतराल कम करता है या कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो वह मान्य नहीं होगा।
इस मामले में अदालत ने यह भी कहा कि करदाताओं को कानून के अनुसार पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए ताकि वे अपने ऑडिट और रिटर्न सही ढंग से तैयार कर सकें। अदालत ने यह निर्देश मुख्यतः इसलिए दिया क्योंकि कई करदाताओं को समय सीमा के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
गुजरात उच्च न्यायालय का यह आदेश करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे वे बिना किसी दबाव के अपनी ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर सही समय पर दाखिल कर सकेंगे। कर विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय से करदाताओं की सुविधा बढ़ेगी और टैक्स कम्प्लायंस और भी सहज हो जाएगा।
इस आदेश के बाद अब करदाता 30 नवंबर, 2025 तक अपने ऑडिटेड ITR दाखिल कर सकते हैं और उन्हें पहले की तुलना में अधिक समय मिलेगा। अदालत ने यह सुनिश्चित किया है कि सीबीडीटी के किसी भी आदेश या परिपत्र से कानून का उल्लंघन नहीं हो सकता।