चंडीगढ 11 अक्टूबर। खरड़ के एक युवक से चंडीगढ़ नगर निगम में तैनात ड्राइवर समेत दो अन्य अफसरों ने नौकरी दिलाने के नाम पर ढ़ाई लाख रुपए ले लिए। तीन साल अब भी उसे न तो नौकरी मिली है और न ही उसे पैसे वापिस किए जा रहे हैं। पीड़ित की तरफ से इसकी शिकायत एसएसपी चंडीगढ़ पुलिस को की गई है। उसका कहना है कि उसने यह पैसे अपनी एफडी तुड़वाकर दिए थे। तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी उसे न तो नौकरी ही मिली है और न ही अब उसका फोन ही उठा रहे हैं। जानकारी के अनुसार खरड़ के गुरप्रीत सिंह जंगू ने नगर निगम अधिकारियों को दी शिकायत में बताया कि उसके पास कोई काम नहीं होने के कारण वह काम की तलाश में था। उसका संपर्क नगर निगम के मेडिकल विभाग में तैनात ड्राइवर मनप्रीत सिंह से हुआ था। जिसने उसे विश्वास दिलाया था कि वह उसे नगर निगम में नौकरी दिलाएगा, इसलिए उससे 3 लाख रुपए मांगे गए थे। बात ढ़ाई लाख रुपए में तय हो गई थी। उसने पैसे दे भी दिए थे, मगर उसे न तो नौकरी मिली है और ना ही पैसे वापिस किए जा रहे हैं।
ना नौकरी मिली, न कैश वापस लौटाया
पीड़ित ने बताया कि जब तीन साल तक नौकरी नहीं मिली है, तो वह बार बार उक्त लोगों से संपर्क कर रहे हैं, तो उनसे कोई उत्तर नहीं मिला, यहां तक कि दो महीने बाद भी, तब मैंने मनप्रीत सिंह को उनके उपर्युक्त नंबर पर कॉल की, लेकिन वे हमेशा किसी न किसी बहाने से बात को टालते रहे। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी जब कोई जवाब नहीं मिला, तब मैंने उनसे पैसे वापस करने को कहा और टाल मटोल करते रहे। इसके बाद उसने दूसरे लोगों से बात की तो जिन्होंने बार-बार मुझे नौकरी का आश्वासन दिया और कहा कि थोड़ा और इंतजार करें।
पैसे लेकर नौकरी का झांसा देना गलत
मेयर हरप्रीत कौर बबला का कहना है कि इस तरह का मामला सामने आया है, पुलिस अपना काम कर रही है और हम अपने स्तर पर इसकी जांच करवा रहे हैं। अगर नगर निगम का कोई भी अधिकारी इसमें लिप्त पाया गया, तो उस पर कार्रवाई करवाई जाएगी।
—