अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री पर रोक लगाने को लेकर विवाद गहरा गया है। इस घटना पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि भारत में हमारे ही देश की सक्षम महिलाओं का ऐसा अपमान कैसे होने दिया गया? उन्होंने कहा कि महिलाएं देश की रीढ़ और गौरव हैं, उनका अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं।
इस विवाद पर भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। मंत्रालय ने बताया कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगानिस्तान के दूतावास में हुई थी और पत्रकारों को बुलाने की जिम्मेदारी अफगान काउंसिल जनरल, मुंबई की थी। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अफगान दूतावास भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 9 अक्टूबर से भारत दौरे पर हैं। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से द्विपक्षीय वार्ता की, हालांकि इस बैठक के बाद कोई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई। मुत्तकी ने अकेले अफगान दूतावास में मीडिया से बात की, जिसमें सिर्फ चुनिंदा पुरुष पत्रकारों को ही बुलाया गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान अधिकारियों ने यह तय किया था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कौन शामिल होगा। कई महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि उन्हें एंट्री से रोक दिया गया।
पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस घटना की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को प्रवेश नहीं दिया गया, तो उन्हें विरोध में बाहर चले जाना चाहिए था।
गौरतलब है कि 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद से महिलाओं पर शिक्षा, खेल और सार्वजनिक उपस्थिति सहित कई क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाए गए हैं।