6 अक्टूबर — पंजाब के जालंधर में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) के छात्र एकमजोत को हॉन्गकॉन्ग की एक कंपनी में 1.16 करोड़ रुपए सालाना के पैकेज पर सॉफ्टवेयर डेवलपर की जॉब मिली है। एकमजोत उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि एकमजोत केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन नौकरी उन्हें कंप्यूटर साइंस की स्किल्स की वजह से मिली है। एकमजोत का कहना है कि वे शुरू से ही कंप्यूटर साइंस में ही पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन JEE में कम परसेंटाइल आने की वजह से उन्हें इसमें एडमिशन नहीं मिला। हालांकि, NIT जालंधर ने उन्हें 100% स्कॉलरशिप पर केमिकल इंजीनियरिंग में दाखिला दिया। इसके बाद एकमजोत ने कंप्यूटर साइंस में भी पढ़ाई जारी रखी और माइनर डिग्री के तौर पर 3 साल तक इस विषय को पढ़ा।
इससे पहले उन्होंने गुरुग्राम और नोएडा की कंपनियों में कंप्यूटर साइंस से जुड़ी इंटर्नशिप भी की, जिससे उन्हें नौकरी पाने में काफी मदद मिली। इतने बड़े पैकेज पर नौकरी पाने वाले एकमजोत, NIT जालंधर के पहले छात्र हैं। उनकी इस सफलता के पीछे कैसी तैयारी थी, उन्होंने क्या-क्या सीखा, इन सब बातों को लेकर दैनिक भास्कर एप ने उनसे विस्तार से बातचीत की।
कमजोत ने बताया कि उसने केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई के साथ कंप्यूटर साइंस का सपना नहीं छोड़ा। क्लास के बाद वह हॉस्टल में आकर यूट्यूब से ही कंप्यूटर साइंस की तैयारी करने लगा। बड़ी बहन भी सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं, इसलिए उसने भी गाइड किया। केमिकल इंजीनियरिंग को एक साल पूरा होने पर ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर कंप्यूटर साइंस की माइनर डिग्री शुरू कर दी।
ऑनलाइन जॉब के लिए यूरोप में अप्लाई किया: कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई शुरू करने के बाद उसने यूरोप में जॉब के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया। इसके बाद उसे इंटरव्यू के लिए हॉन्गकॉन्ग की फ्लो ट्रेडर्स नाम की एक कंपनी का कॉल आ गया। उसने इंटरव्यू के लिए हां कह दी और इसके बाद उसके ऑनलाइन इंटरव्यू हुए जिसमें वह सिलेक्ट हो गया।
कंपनी ने एक नहीं सात इंटरव्यू लिए: एकमजोत ने बताया कि हॉन्गकॉन्ग की ये कंपनी ट्रेडिंग में काम करती है। उसने कंपनी की करियर बेवसाइट से ही अप्लाई किया था। इसके लिए उसको कोडिंग का एक टेस्ट आया। उसे क्लियर किया, फिर 7 इंटरव्यू हुए। इसके बाद उसे नौकरी के लिए हॉन्गकॉन्ग लोकेशन मिली।
गुरुग्राम-नोएडा में इंटर्नशिप काम आई: एकमजोत ने बताया कि उसने नौकरी के लिए अप्लाई करने से पहले गुरुग्राम और नोएडा में 4 जगह कंप्यूटर साइंस की इंटर्नशिप की थी जिससे उसका रेज्यूमे में एक्सपीरियंस काउंट हो गया और नौकरी पाने में आसानी हो गई।
कंपनी वीजा भेज रही, इमिग्रेशन वाले कह रहे हैं डिग्री चाहिए
एकमजोत ने बताया कि उसका इंटरव्यू तो क्लियर हो चुका है, जॉब का ऑफर भी मिल चुका है। हॉन्गकॉन्ग की कंपनी ने उसके वीजा के अप्लाई कर दिया है, लेकिन इमिग्रेशन वाले कह रहे हैं कि पहले डिग्री चाहिए। इसके लिए उसने एनआईटी की परमिशन लेकर भेज दी है। अब वीजा आता है, तभी जॉब जॉइन हो पाएगी। एकमजोत की केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री 4 साल और कंप्यूटर साइंस की माइनर डिग्री 3 साल यानी एक साथ पूरी होगी।