4 अक्टूबर — हरियाणा के अंबाला की सेंट्रल जेल में बीते दो महीने में दो कैदी फरार हो चुके हैं। इन दोनों घटनाओं से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं अब इन घटनाओं को लेकर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने सख्ती दिखाते हुए डीजी जेल से रिपोर्ट तलब की है। अंबाला केंद्रीय कारागार से एक बार फिर विचाराधीन कैदी के फरार होने की घटना ने जेल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए महानिदेशक जेल से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
आयोग के अनुसार 28 सितंबर को बिहार निवासी विचाराधीन कैदी अजय कुमार, जो पंचकूला में दर्ज पॉक्सो मामले में अभियुक्त था, जेल के अंदर लगे 18 फुट ऊंचे बिजली के खंभे और तारों की मदद से फरार हो गया। इस दौरान जेल परिसर में बिजली गुल हो गई थी, जिससे कैदी को भागने में मदद मिली। हैरानी की बात यह है कि यह घटना दो माह में दूसरी जेलब्रेक है। इससे पहले अगस्त 2025 में यूपी निवासी कैदी सुखबीर भी भाग चुका था। आयोग ने कहा कि यह जेल सुरक्षा प्रोटोकॉल की गंभीर विफलता है। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा, सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया ने कहा कि इन घटनाओं से न सिर्फ विचाराधीन कैदियों के मानवाधिकार प्रभावित हो रहे हैं बल्कि आमजन की सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ा है। जेल अधीक्षक सतविंदर गोदारा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और अन्य पर चार्जशीट की सिफारिश की गई है। आयोग ने डीजी जेल हरियाणा को निर्देश दिया है कि वे सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करें, जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें और जेलों की सीसीटीवी निगरानी को वास्तविक समय पर लागू करें। साथ ही आयोग ने कहा कि जेल नियमावली और मानवाधिकार मानकों के पालन की नियमित ऑडिट रिपोर्ट 20 नवंबर से पहले प्रस्तुत की जाए।
आयोग के प्रवक्ता डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि इन घटनाओं से कारागार प्रणाली पर जनता का विश्वास डगमगा रहा है, इसलिए राज्य सरकार को जल्द ठोस सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।
