3 अक्टूबर — लुधियाना में शहर के ऐतिहासिक भारत नगर चौक पर एक बार फिर शहीद मेजर भूपिंदर सिंह की शहादत और सम्मान का मुद्दा गरमा गया है। चौक से हटाए गए शहीद के टैंक वाले बुत को दोबारा स्थापित करने की मांग को लेकर पूर्व सैनिकों और पब्लिक एक्शन कमेटी ने रोष प्रकट कर प्रदर्शन शुरू किया है। प्रदर्शनकारियों ने न केवल सरकार और प्रशासन पर शहीदों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया, बल्कि यह भी कहा कि सरकार ने देश के लिए जान कुर्बान करने वालों का बलिदान अमीरों के आगे गिरवी रख दिया है। जिस स्थान पर शहीद मेजर भूपिंदर सिंह का टैंक समेत बुत स्थापित था, वहां अब एक निजी कंपनी का साइकिल लगा दिया गया है। इससे भड़के पूर्व सैनिकों ने इसे शहादत का अपमान करार दिया और तुरंत मौके पर शहीद मेजर भूपिंदर सिंह की तस्वीर वाला एक बोर्ड स्थापित कर दिया। प्रदर्शनकारियों का आक्रोश इस बात पर था कि देश के एक महावीर चक्र विजेता शहीद की निशानी को हटाकर एक कॉर्पोरेट घराने को तरजीह दी गई। गौरतलब है कि 1965 की जंग के हीरो, महावीर चक्र विजेता शहीद मेजर भूपिंदर सिंह का एक टैंक के साथ बुत दशकों तक भारत नगर चौक की पहचान रहा। कुछ साल पहले, ट्रैफिक सुचारु करने और चौक के सौंदर्यीकरण के नाम पर इस बुत को वहां से हटाकर रोज गार्डन के पास एक कोने में अस्थायी रूप से स्थापित कर दिया गया था।
तब से ही विभिन्न सामाजिक और पूर्व सैनिक संगठन इस बुत को सम्मानपूर्वक चौक पर वापस लाने की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शन में शामिल एक पूर्व सैनिक ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या हमारे शहीदों के बलिदान की कीमत बस इतनी रह गई है कि उनके सम्मान को हटाकर किसी कंपनी का प्रचार किया जाए? सरकारें और प्रशासन अमीरों के आगे नतमस्तक हो गए हैं। जिस जवान ने देश के लिए अपनी जान दे दी, आज उसकी निशानी को एक कोने में फेंक दिया गया है।
पूर्व सैनिकों ने आगे कहा कि अगर जल्द से जल्द शहीद मेजर भूपिंदर सिंह के बुत को टैंक समेत भारत नगर चौक पर सम्मानपूर्वक पुनः स्थापित नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि वे इस अपमान को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और शहीद के सम्मान के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे।
