लुधियाना 3 अक्टूबर। मेटरो शहरों के बाद अब पंजाब में रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े लेवल पर स्कैम सामने आने शुरु हो चुके हैं। लेकिन किसी की और से इस संबंध में आवाज नहीं उठाई जा रही। ताजा मामला लुधियाना की ओमेक्स कंपनी का सामने आया है। चर्चाएं है कि ओमेक्स कंपनी की और से फाउंटेंन चौंक के पास लीज की जमीन पर अपना प्रोजेक्ट दिखाकर लोगों से 1000 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिए गए हैं। चर्चा है कि कंपनी द्वारा लोगों से पूरा पैसा भी ले लिया गया है। मगर तीन साल बीतने के बावजूद भी अभी तक प्रोजेक्ट नहीं बनाया गया है। जिसके चलते चर्चाएं है कि कहीं यह भी कंपनी लोगों से पैसा इकट्ठा करने के बाद अपना प्रोजेक्ट बीच में ही अधूरा न छोड़ दें। क्योंकि ओमेक्स द्वारा पहले ही साउथ सिटी रोड पर इसी तरह करके लोगों के साथ धोखा किया गया है। जानकारी के अनुसार ओमेक्स द्वारा भारतीय रेलवे विभाग से जमीन लीज पर ली हुई है।
लोगों को फिक्स रिटर्न का दिया जा रहा लालच
चर्चा है कि ओमेक्स की और से फाउंटेंशन चौंक स्थित लीज पर ली जमीन पर अपना प्रोजेक्ट लाने की बात कहकर लोगों से 1000 करोड़ रुपए इकट्ठा किए गए हैं। जिसकी एवज में फिक्स रिटर्न का लालच भी दिया गया है। चर्चा है कि कंपनी ने 60 लाख इन्वेस्ट करने पर 60 हजार रुपए प्रति महीना रिटर्न देने का लालच दिया गया है। कंपनी द्वारा पोजेशन लेने तक फिक्स रिटर्न इनवेस्टर्स को देने की बात कही गई है। हालांकि यह रिटर्न सच में पोजेशन लेने तक दी भी जाएगी या नहीं यह तो समय ही बताएगा।
पहले भी फिक्स रिटर्न कहकर बीच में की बंद
चर्चा है कि कंपनी द्वारा पहले साउथ सिटी रोड अपना प्रोजेक्ट लाने के दावे करके लोगों से पैसा इकट्ठा कर लिया था। लेकिन न तो लोगों के प्लॉटों की रजिस्ट्रियां हुई और न ही उन्हें पोजेशन मिल सकी। जबकि तब भी कंपनी द्वारा लोगों को फिक्स रिटर्न का भरोसा दिया गया। कुछ समय तक रिटर्न भी दिया। लेकिन फिर उक्त कॉलोनी का जाली नक्शा निकालकर रिटर्न बंद कर दी गई।
प्रशासन भी मूक बनकर बैठा
चर्चा है कि रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी का दौर चल रहा है। ऐसे में हो सकता है कि ओमेक्स द्वारा फिर से कुछ समय फिक्स रिटर्न देने के बाद इसे किसी भी टाइम बंद कर दिया जा सकता है। वहीं लोगों के साथ सरेआम गलत हो रहा है। उनका पैसा इन्वेस्ट करके धोखा किया जा रहा है। मगर फिर भी प्रशासन भी मूक बनकर बैठा है।
लोगों अपनी जगह समझकर कर रहे इन्वेस्ट
चर्चा है कि शहरवासियों को लगता है कि फाउंटेंशन चौक के पास ओमेक्स द्वारा लाया जा रहा प्रोजेक्ट वह उनकी अपनी जमीन है। लेकिन असलियत में वे रेलवे से लीज पर ले रखी है। जबकि ओमेक्स द्वारा तीन साल से अपनी जगह बताकर मार्केटिंग की जा रही है। लेकिन अभी तक प्रोजेक्ट बनना भी शुरु नहीं हुआ।
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