3 अक्टूबर — विजिलेंस टीम ने डीआरडीओ के तकनीकी अधिकारी अमित सोलंकी को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। तलाशी में उनके घर से 18 लाख नकद और गहने बरामद हुए। शिकायतकर्ता ने रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग भी सौंपी। सोलंकी ने भागने की कोशिश की पर पकड़े गए। आरोप है कि बिल पास कराने के लिए ठेकेदारों से रिश्वत मांगते थे। पुलिस अब उनकी पिछली रिश्वतखोरी की जांच कर रही है। विजिलेंस ने रुपये और गहनों को सीज कर लिया है। सोलंकी को वीरवार को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। विजिलेंस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं कि सोलंकी को रिश्वत की रकम किसे-किसे पहुंचानी थी और इससे पहले उसने किन-किन लोगों से रिश्वत ली थी।
विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार यह मामला केवल व्यक्तिगत रिश्वत का नहीं है, बल्कि इससे जुड़े कई अन्य संभावित अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है। अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर ठेकेदारों से लगातार पैसा वसूलने का तरीका अपनाया था। पुलिस और विजिलेंस टीम मामले की जांच में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपित ने पिछले वर्षों में और किन ठेकेदारों या कंपनियों से रिश्वत ली थी और कितनी रकम हड़पी गई।
शक्ति एंटरप्राइजेज के ब्रांच मैनेजर अशुतोष सिंह ने विजिलेंस को दी शिकायत में बताया था कि वह कई वर्षों से मैनपावर सप्लाई का ठेका चला रहे हैं। अधिकारी ने 16 लाख रुपये के बिल पास कर दिए, लेकिन करीब 4 लाख रुपये के बिलों पर आपत्ति जताई और इन्हें क्लियर करने के एवज में रिश्वत की मांग की। सूत्रों के अनुसार शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को एक काॅल रिकार्डिंग सौंपी थी, जिसमें अधिकारी को रिश्वत की मांग करते हुए स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है।
सेक्टर-29 से अमित सोलंकी को किया था गिरफ्तार
शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने बुधवार को सेक्टर 29 से अमित सोलंकी को गिरफ्तार कर लिया। उसने फिल्मी स्टाइल में भागने की कोशिश की थी और विजिलेंस की गाड़ी को दो बार टक्कर मारी थी। तभी विजिलेंस की दूसरी टीम ने सरकारी गाड़ी से उसकी कार में टक्कर मारकर उसे दबोच लिया था । गिरफ्तारी के बाद लगभग डेढ़ घंटे तक सेक्टर 29 स्थित डीआरडीओ के मकानों में कागजी कार्रवाई की गई।
