3 अक्टूबर — यमुनानगर के रादौर थाना क्षेत्र के गांव भागूमाजरा के पिता-पुत्र सहित चार लोगों के साथ विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 32 लाख रुपए की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मोहाली (पंजाब) स्थित रुद्राक्ष ग्रुप ओवरसीज सोल्यूशन और इसके कथित संचालकों पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और साजिश रचने का आरोप लगा है। जिस पर पुलिस ने एजेंट सहित 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
पीड़ित अजमेर सिंह, मनजीत कुमार और ईशम पाल ने बताया कि अजमेर सिंह के बेटे बलजिंदर सिंह (आईटीआई पास) और मनजीत कुमार व ईशम पाल (12वीं पास) लंबे समय से बेरोजगार थे। ये लोग कनाडा में नौकरी और बेहतर भविष्य की उम्मीद में थे।
इसी दौरान, सोशल मीडिया पर रुद्राक्ष ग्रुप ओवरसीज सोल्यूशन का विज्ञापन देखकर इन्होंने इसे लाइक किया। इसके बाद, आरोपियों ने उनसे संपर्क शुरू किया। जिनमें राकेश उर्फ रिक्की, राखी, अरमान, पुनीत, नैनसी ठाकुर, कर्ण व रोहित शामिल हैं। फिर एक महिला, जिसने खुद को आरती शर्मा बताया, ने फोन कर मोहाली के ऑफिस में बुलाया। वहां पीड़ितों को बताया गया कि रुद्राक्ष ग्रुप ने कई लोगों को कानूनी तरीके से कनाडा भेजकर नौकरी दिलवाई है। आरोपियों ने बलजिंदर सिंह, मनजीत कुमार और ईशम पाल को कनाडा में अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव और संपर्क हैं। पीड़ितों को विश्वास दिलाने के लिए लिखित इकरारनामा भी दिया गया, जिसमें कहा गया कि वीजा न लगने पर पूरी रकम वापस कर दी जाएगी।
पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए भारी-भरकम रकम की मांग की। ईशम पाल से 9 लाख पांच हजार रुपए मांगे गए, जबकि अजमेर सिंह और मनजीत कुमार से बाद में बढ़ाकर 10 लाख 70 हजार रुपए प्रति व्यक्ति मांगे गए। तीनों ने कुल मिलाकर 32 लाख रुपए आरोपियों को दे दिए।
पैसे लेने के बाद, आरोपी टालमटोल करने लगे। अंततः उन्होंने कनाडा भेजने से साफ इनकार कर दिया। जब पीड़ितों ने अपनी रकम वापस मांगी, तो आरोपियों ने पैसे लौटाने से मना कर दिया और धमकी दी जो होता है कर लो, दोबारा पैसे मांगने आए तो जान से मार देंगे। इसके बाद, रुद्राक्ष ग्रुप का मोहाली ऑफिस बंद हो गया और सभी आरोपी फरार हो गए।
पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने पहले भी यमुनानगर पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने यह कहकर कार्रवाई नहीं की कि मामला मोहाली, पंजाब का है। पीड़ितों ने तर्क दिया कि ठगी की शुरुआत उनके गांव में हुई और पैसे यमुनानगर के बैंकों से ट्रांसफर किए गए, इसलिए मुकदमा रादौर थाने में दर्ज होना चाहिए।
आखिरकार, आर्थिक अपराध शाखा, यमुनानगर की जांच और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अब थाना रादौर में राकेश उर्फ रिक्की, राखी, अरमान, पुनीत, नैनसी ठाकुर, कर्ण व रोहित के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।