29 सितम्बर- जालंधर शहर में अब ट्रैफिक नियम तोड़ने पर ई-चालान जारी किए जाएंगे। DGP गौरव यादव आज इसकी शुरुआत कर सकते हैं। ई-चालान को लेकर ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों की देर रात तक बैठकें जारी रहीं। ADGP गुरबाज सिंह ने बताया कि तैयारियां पूरी हैं, लेकिन चालान कब से कटेंगे, यह अभी तय नहीं है।
13 पॉइंट्स पर ट्रायल, खामियों की होगी जांच
शहर के 13 पॉइंट्स पर ट्रायल शुरू किए जाएंगे। इस दौरान सिस्टम की खामियों को देखा जाएगा। कंट्रोल रूम के ऑपरेशन का निरीक्षण करने के बाद ही ई-चालान सिस्टम शुरू किया जाएगा। अगर यह सिस्टम कामयाब होता है, तो जालंधर शहर को स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा। यह व्यवस्था 1150 हाई-टेक CCTV कैमरों से संचालित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) के माध्यम से होगी। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के नंबर प्लेट की फोटो तुरंत खींच ली जाएगी और उनका चालान सीधे उनके घर भेज दिया जाएगा। इससे ट्रैफिक व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित होगी। यह व्यवस्था न केवल ट्रैफिक का प्रबंधन सुधारेगी, बल्कि आपराधिक गतिविधियों पर भी लगाम लगाएगी। ये हैं वो 13 पॉइंट, जहां से कटना शुरू हो सकते ई चालान- पीएपी, बीएसएफ, बीएमसी, गुरु नानक मिशन चौक, गुरु रविदास चौक, फुटबाल चौक, कपूरथला चौक, भगवान वाल्मीकि चौक, गुरु अमरदास चौक, वर्कशाप चौक, डॉ. बीआर अंबेडकर चौक, मॉडल टाउन, चुनमुन चौक। ई-चालान की तैयारियों को जांचने के लिए दैनिक भास्कर की टीम रात में शहर के प्रमुख और सबसे ट्रैफिक लोड वाले BMC चौक पहुंची। यहां तैयारियों के नाम पर केवल जेब्रा लाइन ही खींची गई हैं। चौक में ट्रैफिक लाइट हैं और कैमरे भी लगे हैं।
कई पुलिस कर्मियों और लोगों से पूछने पर पता चला कि जिन चौकों पर ई-चालान काटने की बात हो रही है, उनमें से कई के कैमरे तो कुछ की ट्रैफिक लाइट चलती ही नहीं हैं। ई-चालान काटने की तैयारियों के नाम पर पुलिस जागरूकता फ्लैक्स बोर्ड बनवा रही है, लेकिन अभी ये प्रमुख पॉइंट्स पर लगे नहीं हैं।
फेस रिकग्निशन कैमरा: अपराधियों पर रखी जाएगी नजर
1150 सीसीटीवी कैमरों में से कई कैमरे फेस रिकग्निशन, रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन (RLVD), स्पीड डोम, पीटीजेड (पैन-टिल्ट-जूम) और जूम जैसे एडवांस फीचर से लैस हैं। इन कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के साथ-साथ अपराधियों को ट्रैक किया जाएगा।
कैमरे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की वीडियो फुटेज और डेटा को रिकॉर्ड करेंगे। यदि कोई अपराधी कैमरे के सामने आता है, तो यह कैमरा सीधे कंट्रोल रूम में अलर्ट भेजेगा, जिससे तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित होगी। ट्रैफिक कंट्रोल रूम (ICCC) में बैठे कर्मचारी शहर के हर कोने के ट्रैफिक सिग्नलों को कंट्रोल करेंगे। यदि कोई ड्राइवर ट्रैफिक लाइट जम्प करता है या वाहन को जेब्रा लाइन से आगे बढ़ाता है, तो कैमरा उसकी फुटेज तुरंत कंट्रोल रूम भेजेगा।
यह सिस्टम ऑटोमैटिक ट्रैफिक वॉयलेशन डिटेक्शन और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। उल्लंघन करने वाले वाहनों की नंबर प्लेट को रीड करके चालान जारी किया जाएगा।
इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग ₹77 करोड़ खर्च हुए हैं। यह न केवल ट्रैफिक नियमों के पालन पर ज़ोर देगा, बल्कि शहर की समग्र सुरक्षा और स्मार्ट गवर्नेंस को भी मज़बूत करेगा।
