ज़ीरकपुर,, 29 सितम्बर-
नगर परिषद ज़ीਰकपुर के अधीन पड़ते गांव नाभा साहिब में बीते दिनों घरों में दूषित पानी की आपूर्ति के कारण पिंड के सैकड़ों लोग दस्त और उल्टी की चपेट में आ गए। इस स्वास्थ्य संकट के चलते करीब 90 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। मृतक बुजुर्ग के परिवार का आरोप है कि उनकी मौत सीधे दूषित पानी से होने वाली उल्टी और दस्त के कारण हुई।
इसके अलावा, मृतक के परिवार की दो महिलाएँ चंडीगढ़ और पंचकूला के सरकारी अस्पतालों में जीवन-मृत्यु की जंग लड़ रही हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दूषित पानी के स्रोत की पहचान की। पिंड में डॉक्टरों की टीम तैनात कर लोगों की जांच की गई और प्रभावित मरीजों को दवाइयाँ दी गईं। अधिकारियों के अनुसार, अब स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है और रविवार को केवल 8-10 मरीज ही दस्त और उल्टी की शिकायत के साथ सामने आए।
स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद की पहल
पिंडवासियों की मदद के लिए नगर परिषद और डॉक्टरों की टीम रविवार को पिंड नाभा साहिब में मौजूद रही। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों को दवाइयाँ दी और अन्य ग्रामीणों को जागरूक किया कि वे पानी को उबालकर पिएँ और खाने-पीने की वस्तुओं को ढक कर रखें।
स्वास्थ्य विभाग ने अपील की कि टूटा या संदिग्ध पानी बिल्कुल न इस्तेमाल किया जाए और केवल नगर परिषद द्वारा भेजे जा रहे टैंकर के पानी का ही प्रयोग करें। साथ ही टैंकर के पानी में क्लोरीन की गोली मिलाकर कम से कम एक घंटे बाद पीने की सलाह दी गई। विभाग ने घर-घर क्लोरीन की गोलियाँ और ORS पैकेट भी वितरित किए।
टीम के सदस्य जतिंदर सिंह गिल ने बताया कि उनकी टीम घर-घर सर्वेक्षण कर रही है और जिसमें भी कोई मरीज दस्त या उल्टी से प्रभावित पाया जाता है, उसे जांच के लिए कैंप में लाया जा रहा है। उन्होंने जनता से अपील की कि बाहरी खान-पान से परहेज करें और बीमारी के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें, बल्कि तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएँ।
कांग्रेस नेता दीपिंदर सिंह ढिल्लो का दौरा और समर्थन
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और हल्का डेराबस्सी के इंचार्ज दीपिंदर सिंह ढिल्लो ने पिंड नाभा साहिब का दौरा किया और पिंडवासियों से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने मृतक जय सिंह के परिवार के सदस्यों से मिलकर संवेदना व्यक्त की।
ढिल्लो ने कहा कि गांव में यह बीमारी फैलने के लिए नगर प्रशासन जिम्मेदार है। पिंडवासियों ने कई दिनों से नगर परिषद को शिकायत दी थी कि गांव में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसी की वजह से एक बुजुर्ग की मौत हुई और परिवार की दो महिलाएँ अस्पताल में जीवन-मृत्यु की जंग लड़ रही हैं।
उन्होंने मृतक परिवार के लिए मुआवजा देने और अस्पताल में भर्ती महिलाओं का इलाज पंजाब सरकार द्वारा मुफ्त कराने की मांग की। ढिल्लो ने कहा कि प्रभावित परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा इन्हें भुगतना पड़ा।