ओम जय जदगीश हरे आरती रचने वाले पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी की जंयती लुधियाना में श्रद्धापूर्वक मनाई

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सोसाइटी की मांग, फिल्लौर रेलवे स्टेशन का नाम पंडित जी के नाम रखा जाए, उनके नाम से जारी हो डाक टिकट

लुधियाना, 28 सितंबर। नई पीढ़ी को शायद ही पता होगा कि दुनिया भर में गाई जाने वाली आरती ‘जय जगदीश हरे’ की रचना किसने की थी। सनातन धर्म के क्षेत्र में यह महान कार्य नामचीन लेखक, स्वतंत्रता सेनानी व नारी समाज के उद्धारक पंडित श्रद्धा राम फिल्लौरी ने किया था। जो पंजाब के जालंधर जिले में लगने वाले फिल्लौर कस्बे से ताल्लुक रखते थे।

रविवार को यहां उनकी 188वीं जयंती लुधियाना के प्राचीन मंदिर संगला वाला शिवाला में मनाई गई। जिसका आयोजन पंडित श्रद्धा राम फिल्लौरी मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से किया गया। समारोह में सोसाइटी के मुख्य संरक्षक महंत नारायण पुरी और पूर्व चेयरमैन दर्शन लाल बवेजा, अध्यक्ष कृष्ण कुमार बावा, पुरीश सिंगला, संयोजक नवदीप नवी, उपाध्यक्ष सुनील मैनी, महिला विंग की अध्यक्ष सिमी क्वात्रा, चंद्रशेखर प्रभाकर (मूर्तिकार) संरक्षक, सुभाष क्वात्रा की विशेष उपस्थिति रही।

समारोह में 13 समाजसेवी हस्तियों में युवा नेता अभिनव चोपड़ा, विधायक पप्पी पराशर, पूर्व विधायक सुरिंदर डावर, भाजपा नेता विपन सूद काका, हरकेश मित्तल, कांग्रेसी नेता पवन दीवान, ब्राह्मण सभा पंजाब के अध्यक्ष पंकज शारदा, समाजसेवी शाम सुंदर मल्होत्रा, प्रख्यात लेखक मोहित सिंगला और आरती सिंगला, भाजपा नेता राशि अग्रवाल, राकेश बजाज, शाम लाल सपरा को सम्मानित किया गया।

इस मौके विधायक पराशर व डानर ने कहा कि पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी के तौर पर हम एक महान लेखक, स्वतंत्रता सेनानी, देशभक्त और समाज सुधारक को याद कर रहे है। जिन्होंने आरती लिखने के साथ महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने सती प्रथा, बाल विवाह का विरोध किया। उन का लिखा नाटक ‘भाग्यावती’ हर बेटी को दहेज के रूप में दिया जाता था। ताकि बेटी ससुराल जाकर अच्छे संस्कार, संस्कृति और रिश्तों के आदर का ज्ञान प्राप्त कर सके।

वक्ताओें ने कहा कि हर अधिकारी को पंडित श्रद्धाराम की लिखी पुस्तक बात-चीत अवश्य पढ़नी चाहिए। ताकि उन्हें पंजाब की संस्कृति की जानकारी मिल सके। उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक सिख राज दी विथ्या भी भाईचारे को मज़बूत करने वाली है। उनका विवाह एक सिख परिवार में मेहताब कौर से हुआ था। उन्होंने कपूरथला के राजा को धर्म परिवर्तन से रोककर बड़ी देन दी। इस अवसर पर सोसाइटी के अध्यक्ष केके. बावा और पुरीश सिंगला ने कहा कि फिल्लौर रेलवे स्टेशन का नाम पंडित श्रद्धा राम फिल्लौरी के नाम पर रखा जाना चाहिए। भारत सरकार उनके नाम पर एक डाक टिकट जारी करे। साथ ही पंजाब सरकार किसी विश्वविद्यालय में उनके नाम पर एक चेयर स्थापित करे।

इस मौके भजन सम्राट रमन‌ मल्होत्रा एंड पार्टी और मोहित बांसुरी वादक ने पंडित श्रद्धा राम फिलौरी जी की भेटों के साथ आई संगत को मंत्रमुग्ध किया। इस समय सुशील मल्होत्रा, मनमोहन कौड़ा, वीरेंद्र अग्रवाल, सतीश बजाज, यशपाल शर्मा, गुलशन बावा, स्वर्ण कौर सग्गू, कुणाल गर्ग, मोंटी शर्मा, संजीव वर्मा, रमेश खन्ना, समाज सेवी जगजीत सिंह लक्की, अर्जन बावा, रवि बत्रा एमसी, विनय जैन, राकेश सचदेवा, सुनील शर्मा, लव मैनी, विकास चोपड़ा, पंडित दीपक विष्ट, कथावाचक सौरव शर्मा आदि मौजूद थे।

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