दूरदर्शिता, देखभाल और सामुदायिक ज़िम्मेदारी के एक सशक्त प्रदर्शन में, बीसीएम आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल, शास्त्री नगर ने हाल ही में “मिशन स्वस्थ कवच” सीपीआर कार्यशाला के माध्यम से अपने छात्रों और कर्मचारियों को जीवन रक्षक कौशल से सुसज्जित किया। इस दृढ़ विश्वास के साथ कि जीवन बचाना एक ऐसा कौशल है जो प्रत्येक व्यक्ति में होना चाहिए , स्कूल ने दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच), लुधियाना के साथ साझेदारी की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र और शिक्षक चिकित्सा आपात स्थितियों में आत्मविश्वास से कार्य करने के लिए सशक्त हों।
कार्यक्रम की शुरुआत एक औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जो न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता, बल्कि व्यावहारिक, वास्तविक दुनिया के कौशल को पोषित करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रतीक था। चिकित्सा दल और गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक विशेष “ग्रीन वेलकम” आयोजित किया गया , जिसमें उनकी उपस्थिति का जश्न मनाया गया और शिक्षा एवं चिकित्सा विशेषज्ञता के बीच सहयोग के महत्व पर ज़ोर दिया गया। माहौल उत्साह और उत्सुकता से भरा हुआ था क्योंकि छात्र ऐसे प्रशिक्षण को ग्रहण करने की तैयारी कर रहे थे जो किसी को किसी विकट परिस्थिति में जीवित रहने में मदद कर सके ।
डीएमसीएच के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. बिशव मोहन के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला में सिद्धांत और व्यवहारिक अनुप्रयोग का सहज संयोजन किया गया। छात्रों को विशेषज्ञों की एक प्रतिष्ठित टीम से व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त हुआ, जिसमें हीरो डीएमसी हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्डियोलॉजी सलाहकार डॉ. अंकित गुलिया और डीएमसीएच के एनेस्थीसिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तनवीर सिंह , नर्सिंग प्रभारी और समर्पित शोध दल शामिल थे। इसमें छह सीपीआर डमी का उपयोग किया गया, जिनमें से एक को आगे के प्रशिक्षण के लिए बीसीएम आर्य को उदारतापूर्वक उपहार में दिया गया।
कक्षा 11 और 12 के छात्रों, खासकर मेडिकल, एनसीसी और शारीरिक शिक्षा के छात्रों ने उत्सुकता से छाती दबाने और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल का अभ्यास किया। डॉ. अंकित और डॉ. तनवीर ने इस संदेश पर ज़ोर दिया कि कोई भी प्रशिक्षित व्यक्ति जीवन रक्षक बन सकता है और उपस्थित युवा मन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
आर्य समाज स्कूल समूह की निदेशक डॉ. परमजीत कौर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह “छात्रों को न केवल परीक्षाओं के लिए, बल्कि जीवन के लिए तैयार करने की दिशा में एक सार्थक कदम है।”
प्रधानाचार्य डॉ. अनुजा कौशल ने इस पहल की सराहना की तथा समग्र शिक्षा के एक भाग के रूप में विद्यार्थियों को आवश्यक जीवन रक्षक कौशल से लैस करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का समापन मानद सचिव कैप्टन वी.के. सयाल द्वारा दिए गए हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें चिकित्सा टीम के समर्पण और सहयोग की भावना की सराहना की गई, जिसने कार्यशाला को एक शानदार सफलता दिलाई। छात्र आत्मविश्वास से भरे, सशक्त और प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में कार्य करने के लिए तैयार होकर उभरे – जो सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार नागरिकों को आकार देने के बीसीएम आर्य के दृष्टिकोण का एक जीवंत प्रमाण है।