26 सितम्बर— बठिंडा के गांव जीदा में घर में हुए धमाके के मामले में गिरफ्तार गुरप्रीत ने खुलासा किया कि उसने यूट्यूब से देखकर तीन किलो का बम बनाया था। उसका प्लान कठुआ में सेना के कैंप में धमाका करने का था पर भारी बारिश के कारण नहीं जा पाया। धमाके में हाथ गंवाने के बाद उसे बम न बना पाने का मलाल है। गांव जीदा में 15 दिन पहले घर में हुए धमाके के मामले में गिरफ्तार लॉ स्टूडेंट गुरप्रीत ने पूछताछ में बताया कि उसने यूट्यूब देखकर केमिकल से तीन किलो का बम बनाया था। उसने नौ सितंबर को कठुआ जाकर सेना के कैंप में धमाके की योजना बनाई थी । गुरप्रीत का किस तरह से ब्रेन वॉश किया गया था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब पूछा कि अगर वह बम ट्रेन या बस में लेकर चल जाता और रास्ते में भी धमाका हो सकता था, तो वह बोल कि अगर रास्ते में ही धमाका हो जाता तो हो जाता।
वह कहता है कि उसे मलाल है कि वह अब कोई बम नहीं बना सकेगा, क्योंकि केमिकल से बम बनाने के लिए दो हाथ जरूरी हैं।
उसका एक हाथ धमाके में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर उसे काटना पड़ा। उससे पूछताछ के बाद पुलिस अब उस पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लगाने की तैयारी कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि गुरप्रीत किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में था और निशाना सेना का कैंप था।
10 सितंबर को घर में ही केमिकल से बनाए बम में धमाका होने से गुरप्रीत घायल हो गया था। उसे अस्पताल में दाखिल करवाने के बाद जब उसके पिता जगतार सिंह ने अगले दिन बिखरे केमिकल को हटाने का प्रयास किया तो एक बार फिर धमाका होने पर वह भी घायल हो गया।
घर में दो दिन में दो धमाके होने के बाद मामल पुलिस तक पहुंचा और जब पुलिस ने घर में जांच शुरू की तो वहां एक बार फिर धमाका हुआ, लेकिन इस दौरान कोई घायल नहीं हुआ। इसके बाद घर के आसपास के चार घरों को खाली करवाने के साथ ही जालंधर से पीएपी का बम निरोधक दस्ता बुलाया गया। रोबोट की मदद से जब केमिकल को हटाने का प्रयास किया गया तो एक के बाद एक दो धमाके फिर हुए।
पांच दिन में पांच धमाके होने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सेना को भी मौके पर बुलाया गया। 12वीं तक कॉमर्स पढ़ने वाले गुरप्रीत की केमिस्ट्री में रुचि थी। वह अब लॉ कर रहा था और घर में ही लैब बनाना चाहता था।
उसने बताया कि दो किलो का बम दस फीट तक नुकसान पहुंचाता है। उसने यूट्यूब देखकर तीन किलो का बनाया था। इससे 20-25 फीट तक सब कुछ तबाह हो जाना था। गुरप्रीत ने जनवरी से आतंकी मौलाना मसूद अजहर के भाषण सुनने शुरू किए थे। इन भाषणों ने इतना ब्रेन वाश किया कि वह उसके लिए मानव बम बनने को तैयार हो गया।
उसने जून-जुलाई में केमिकल ऑनलाइन मंगवाने शुरू किए। गांव में घरों का पता सही नहीं होने से वह अलग-अलग जगह कोरियर की डिलिवरी लेता था।
सुखाए गए केमिकल को उखाड़ने के दौरान हुआ था पहलॉ धमाका पांच केमिकल पिकरिक एसिड, अमोनियम नाइट्रेट, अमोनियम सल्फेट, लेड नाइट्रेट और फॉस्फोरस पेंटाक्साइड मंगवाने के बाद गुरप्रीत उन्हें सुखा चुका था, लेकिन वे फर्श पर ही जम गए तो उन्हें जब उखाड़ने का उसने प्रयास किया तो धमाका हो गया।
