जीरकपुर नगर परिषद :: प्रधान विरोधी नो-कॉन्फिडेंस प्रस्ताव पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
जीरकपुर 25 सितम्बर : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नगर परिषद जीरकपुर के प्रधान उदयवीर सिंह ढिल्लों के खिलाफ चल रहे “नो-कॉन्फिडेंस” प्रस्ताव मामले में अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने 15 जुलाई 2024 को कार्यकारी अधिकारी द्वारा बुलाई गई बैठक को अवैध करार दिया। साथ ही कहा कि जब तक पद पर वर्तमान प्रधान मौजूद हैं, उस स्थिति में कार्यकारी अधिकारी को बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है।
अदालत में लंबित थीं तीन याचिकाएँ
मामले से जुड़ी कुल तीन याचिकाएँ हाईकोर्ट में विचाराधीन थीं।
पहली और दूसरी याचिका प्रधान उदयवीर सिंह ढिल्लों ने दायर की थी। इसमें उन्होंने 5 जुलाई की बैठक को असफल और 15 जुलाई की बैठक को अवैध ठहराने की मांग की थी।
तीसरी याचिका नगर परिषद सदस्यों ने दायर की थी, जिसमें उपप्रधान का चुनाव कराने की प्रक्रिया पूरी करवाने का अनुरोध किया गया था।
कोर्ट की दलीलें
हाईकोर्ट ने बताया कि 28 जून 2024 को नगर परिषद सदस्यों ने लिखित रूप से “नो-कॉन्फिडेंस” प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया था। इसके बाद प्रधान ने 5 जुलाई को बैठक बुलाई, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे स्थगित करना पड़ा। बाद में 15 जुलाई को कार्यकारी अधिकारी ने बैठक बुलाई, जिसे अदालत ने गैरकानूनी मानते हुए निरस्त कर दिया।
अब 3 अक्टूबर को होगी बैठक
हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर 2025 को फिर से बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। इस बैठक में “नो-कॉन्फिडेंस” प्रस्ताव पर मतदान होगा।
निष्पक्षता के लिए कोर्ट ने एक सीनियर एडवोकेट को ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग कर दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
प्रस्ताव पास या फेल होने पर स्थिति
यदि प्रधान नो-कॉन्फिडेंस प्रस्ताव में सफल रहते हैं, तो वे पद पर बने रहेंगे और 30 दिनों में उपप्रधान का चुनाव कराया जाएगा।यदि प्रस्ताव पास हो जाता है, तो प्रधान का पद स्वतः समाप्त मानते हुए उपप्रधान का चुनाव तुरंत कराया जाएगा।
कोर्ट ने सभी पक्षों को स्पष्ट हिदायत दी है कि बैठक में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप, हंगामा या माहौल बिगाड़ने की कोशिश बर्दाश्त नहीं होगी।
बॉक्स : हाईकोर्ट के आदेश की मुख्य बातें
15 जुलाई 2024 की बैठक अवैध करार
कार्यकारी अधिकारी को बैठक बुलाने का अधिकार नहीं
3 अक्टूबर 2025 को फिर से होगी बैठक
सीनियर एडवोकेट ऑब्जर्वर नियुक्त
पूरी बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य
प्रस्ताव पास हुआ तो प्रधान पद से हटेंगे
प्रस्ताव फेल हुआ तो प्रधान पद पर बने रहेंगे