चंडीगढ़, 24 सितंबर
प्रदेश के कपास किसानों की आवाज़ बुलंद करते हुए पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 7,710 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से राज्य में कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सी.सी.आई.) के माध्यम से कपास की खरीद शुरू करवाने के लिए केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि ‘सफेद सोना’ यानी कपास की मंडियों में आमद के बावजूद सी.सी.आई. की गैर-हाज़िरी किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि उन्हें अपनी फ़सल एमएसपी से कम कीमत पर निजी व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है।
आज शाम यहां पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने राज्य के कपास किसानों के प्रति केंद्र सरकार के खोखले वादों की तस्वीर पेश करते हुए कहा कि पंजाब सरकार की फसली विविधता संबंधी सक्रिय पहलों के कारण राज्य में कपास की खेती के तहत क्षेत्र में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अब खरीद प्रक्रिया के समय सी.सी.आई. की संदिग्ध गैर-हाजिरी किसानों के लिए निराशा का कारण बनी हुई है।
कपास किसानों के लिए एमएसपी पर खरीद के वादे को पूरा करने में केंद्र की नाकामी पर गहरी चिंता जताते हुए कृषि मंत्री ने सवाल किया कि अब जब मंडियों में किसान कपास की फ़सल लेकर बैठे हैं, तो भारत सरकार की सी.सी.आई. कहाँ है?
कपास की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए श्री खुड्डियां ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा कपास के हाइब्रिड बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी और अन्य सक्रिय पहलों के नतीजे स्वरूप कपास की खेती का क्षेत्र 20 प्रतिशत बढ़ा है, जो वर्ष 2024 के लगभग 99,000 हेक्टेयर क्षेत्र से बढ़कर इस वर्ष 1.19 लाख हेक्टेयर हो गया है। श्री खुड्डियां ने ज़ोर देकर कहा कि किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित एमएसपी की उम्मीद पर कपास की खेती की थी, लेकिन अब वे अपनी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कम कीमत पर अपनी फ़सल बेचने को मजबूर हैं।
श्री खुड्डियां ने कहा कि जब पंजाब सरकार और राज्य के किसानों ने अपना काम विश्वास और ईमानदारी से पूरा कर दिया है, तो अब केंद्र को भी अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए अपना हिस्से का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। उन्होंने मांग उठाई कि सी.सी.आई. बिना किसी देरी के तुरंत कपास की खरीद शुरू करे। उन्होंने कहा कि एमएसपी से नीचे बिकने वाली थोड़ी से थोड़ी फ़सल भी केंद्र सरकार की व्यवस्था में किसानों के विश्वास को कमजोर करती है, जिसके लिए हम किसानों को दरपेश इस मुश्किल का तुरंत समाधान मांगते हैं।