चंडीगढ़, 21 सितंबर:
बाढ़ के बाद पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए एक त्वरित और प्रभावी कदम उठाते हुए, पंजाब सरकार ने मात्र एक सप्ताह के बेहद कम समय में 1.75 लाख से ज़्यादा पशुओं को रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया (एचएस) रोग से सफलतापूर्वक प्रतिरक्षित किया है। पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री, श्री गुरमीत सिंह खुदियां ने बताया कि बाढ़ प्रभावित ज़िलों के 713 गाँवों में लक्षित टीकाकरण अभियान ने संभावित पशु स्वास्थ्य संकट को टालने में मदद की है।
सामूहिक टीकाकरण अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए एस. खुदियन ने बताया कि 14 सितंबर को शुरू किया गया यह अभियान राज्य की बाढ़ पुनर्वास कार्य योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसे संभावित स्वास्थ्य संकट से अपने पशुधन की रक्षा करके हजारों प्रभावित किसानों की प्राथमिक संपत्ति और आजीविका की रक्षा के लिए लागू किया जा रहा है।
विभाग के अधिकारियों और फील्ड स्टाफ को इस महीने के अंत तक टीकाकरण अभियान पूरा करने का निर्देश देते हुए, पशुपालन मंत्री ने कहा, “यह महत्वपूर्ण टीकाकरण अभियान पशुधन के लिए एक सुरक्षा कवच है, जो पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पशुधन की सुरक्षा हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हज़ारों परिवारों के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने के बराबर है।” गौरतलब है कि इस महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत आने वाले ज़िले अमृतसर, फाज़िल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, मोगा, पठानकोट, रूपनगर और तरनतारन शामिल हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार की बहुआयामी पशु राहत कार्य योजना ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसके तहत 713 बाढ़ प्रभावित गांवों में 1,300 से अधिक विशेष शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 2.52 लाख से अधिक पशुओं को चिकित्सा उपचार प्रदान किया गया है, ऐसा गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा।
पशुधन पोषण और स्वास्थ्य के लिए उठाए जा रहे सक्रिय कदमों पर प्रकाश डालते हुए, पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री राहुल भंडारी ने बताया कि पशुधन की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने के लिए अब तक 428 गाँवों में यूरोमिन लिक्स और 388 गाँवों में मिनरल मिक्सचर वितरित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, पशुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु निवारक उपाय के रूप में प्रभावित गाँवों में KMnO4 क्रिस्टल भी वितरित किए जा रहे हैं।
पशुपालन विभाग का यह व्यापक, घर-घर जाकर किया गया अभियान सैकड़ों पशु चिकित्सकों और क्षेत्रीय कर्मचारियों की मदद से संभव हो पाया। श्री भंडारी ने बताया कि उनके अथक प्रयासों से यह सुनिश्चित हुआ कि सबसे दूरस्थ, बाढ़ प्रभावित इलाकों तक भी मदद पहुँच सके।
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कैप्शन: पशुपालन विभाग की टीमें पशुपालकों को यूरोमिन लिक्स वितरित करती हुई तथा एक मवेशी का टीकाकरण करती हुई।