

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने राहुल गांधी ने चुनाव आयुक्त पर घोटाले में शामिल आरोपी बचाने का आरोप लगाया
नई दिल्ली,,, 18 सितंबर। फिलहाल देश में सबसे बड़ा सियासी-मुद्दा कथित वोट चोरी का बना है। वीरवार को कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने सनसनीखेज दावा किया ‘हाइड्रोजन-बम’ अभी आना बाकी है।
दरअसल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल ने इसी मुद्दे पर दूसरी सनसनीखेज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने दावा किया कि पूरे भारत में लाखों वोटरों को एक केंद्रीय रूप से समन्वित घोटाले में हटाने का लक्ष्य बनाया गया था। हालांकि उन्होंने सबूतों का वह ‘हाइड्रोजन-बम’ जारी नहीं किया, जिसका उन्होंने पहले वादा किया था। इसकी बजाए उन्होंने कहा कि उनकी टीम अभी भी उस बम को गिराने की तैयारी कर रही है। अब तक पेश की गई हर बात सौ प्रतिशत पक्की है। मैं इस मंच पर ऐसी कोई बात नहीं कहूंगा, जो सबूतों से साबित ना हो।
राहुल गांधी की पांच खास बातें :
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि वोटर हटाने की कार्रवाई मनमाने ढंग से नहीं, बल्कि खास तौर पर उन बूथों को निशाना बनाकर की जा रही है, जहां कांग्रेस आगे है। कर्नाटक के अलनड निर्वाचन क्षेत्र को लेकर उन्होंने दावा किया कि 6,018 वोट हटाने की कोशिश की गई, जो असल संख्या का एक छोटा हिस्सा हो सकता है। उन्होंने गोडाबाई नाम की एक महिला का उदाहरण दिया, जिनका नाम कथित तौर पर 12 वोटरों को हटाने के लिए फर्जी लॉगिन बनाने में इस्तेमाल किया।
राहुल गांधी ने ऐसी स्लाइड दिखाईं, जिनमें वोटर हटाने की प्रक्रिया में इस्तेमाल किए कर्नाटक से बाहर के फर्जी लॉगिन और मोबाइल नंबर दिखाए गए थे। उन्होंने सूर्यकांत नाम के एक व्यक्ति का उदाहरण दिया। जिसने कथित तौर पर 14 मिनट में 12 वोटरों को हटा दिया और हटाए वोटरों में से एक, बबीता चौधरी को मंच पर बुलाया। वह बोले, इसी तरह नागरज नाम के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर सिर्फ 38 सेकंड में दो वोटर हटाने के फॉर्म भरे, जो असंभव है।
राहुल ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने के पीछे एक सेंट्रलाइज्ड सॉफ्टवेयर बेस्ड ऑपरेशन है। जो शायद किसी कॉल सेंटर से चलाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, कई राज्यों में आवेदन करने के लिए एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को वोटर लिस्ट से नाम हटाने और जोड़ने दोनों में गड़बड़ी करने के लिए बनाया गया था।
राहुल गांधी ने सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर इस घोटाले में शामिल लोगों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीने में 18 पत्र लिखकर वोटर लिस्ट से नाम हटाने के घोटाले से जुड़ी जानकारी मांगी थी। जबकि चुनाव आयोग ने कभी कोई जवाब नहीं दिया। सबसे हालिया रिमाइंडर सितंबर में भेजा गया। उन्होंने चुनाव आयोग पर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया और कर्नाटक सीआईडी को सबूत देने के लिए एक हफ़्ते की समय-सीमा दी।
इसके अलावा राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी वोटर एंट्री का भी दावा किया। जिसमें शामिल अजीब एंट्री वोटर का नाम ‘YUH UQJJW’ और पता ‘सस्ती, सस्ती’ बताया। उन्होंने कहा कि यही पैटर्न कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी पाया गया। राहुल ने मांग की कि चुनाव आयोग एक हफ़्ते के अंदर घोटाले में इस्तेमाल मोबाइल नंबर और ओटीपी का डेटा जारी करे, वर्ना यह साबित हो जाएगा कि चुनाव आयोग वोट चोरों को बचा रहा है।
चुनाव आयोग ने किया पलटवार :
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने उनके आरोपों का जवाब दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोटर लिस्ट से नाम हटाने के घोटालों में शामिल लोगों को बचाने के उनके आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया।