चंडीगढ़, 16 सितंबर:
राज्य में आगामी जनगणना कार्यों की तैयारियों की समीक्षा और सुचारू बनाने के लिए पंजाब राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति (एसएलसीसीसी) ने आज मुख्य सचिव पंजाब श्री के.ए.पी. सिन्हा की अध्यक्षता में पंजाब सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ में अपनी पहली बैठक आयोजित की।
बैठक के दौरान स्थानीय सरकार, राजस्व, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, योजना, वित्त और स्कूल शिक्षा विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रधान सचिवों सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जबकि उपायुक्त और नगर आयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार-विमर्श में शामिल हुए।
बैठक के दौरान, स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) को पंजाब राज्य में जनगणना संबंधी गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है और पहली बैठक पंजाब के जनगणना संचालन निदेशक डॉ. नवजोत खोसा द्वारा बुलाई गई, जिन्होंने जनगणना प्रक्रिया, इसके कानूनी ढांचे, जनगणना कैलेंडर और चल रहे प्रारंभिक उपायों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
मुख्य एजेंडा बिंदुओं में परिपत्र संख्या 1, 2 और 3, ग्रामीण-शहरी वर्गीकरण मानदंड, आउटग्रोथ और शहरी समूहन की अवधारणाएं, मानचित्र संबंधी मामले और चयनित जिलों जालंधर, अमृतसर और मलेरकोटला में डिजिटल जनगणना 2027 की आगामी प्री-टेस्ट पर चर्चा शामिल थी।
बैठक को संबोधित करते हुए, मुख्य सचिव श्री के.ए.पी. सिन्हा ने जनगणना कार्यों के सुचारू संचालन के लिए सभी उपायुक्तों और नगर आयुक्तों से पूर्ण सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उपायुक्तों को क्षेत्राधिकार संबंधी रूपरेखा को अंतिम रूप देने और प्रभावी निगरानी के लिए जिला एवं निगम स्तर पर समर्पित जनगणना प्रकोष्ठ स्थापित करने के निर्देश दिए।
मख्य सचिव ने जनगणना संचालन निदेशालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश भी दिए और इस बात पर जोर दिया कि प्रशासनिक सीमाओं को 31 दिसंबर, 2025 तक अंतिम रूप दे दिया जाना चाहिए। डिजिटल जनगणना की आगामी प्री-टेस्ट गतिविधियों के लिए अपेक्षित सक्रिय व्यवस्था करने के लिए नगर आयुक्त, जालंधर के साथ-साथ अमृतसर और मलेरकोटला के उपायुक्तों को विशेष निर्देश जारी किए गए।
विचार-विमर्श में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि समन्वित प्रयास और सावधानीपूर्वक योजना, पंजाब में जनगणना के सफल संचालन की कुंजी हैं। सभी हितधारकों से आग्रह किया गया कि वे अपनी-अपनी सौंपी गई ज़िम्मेदारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और जनगणना कैलेंडर के अनुसार सभी तैयारी गतिविधियों को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करें।