जीरकपुर,, 16 सितम्बर –
पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में ‘जड़ों से जुड़ो’ संस्था द्वारा करवाई जा रही महिलाओं की रामलीला का विरोध शुरू हो गया है। रविवार को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता ढकौली स्थित रहमत होम्स में पहुंचे, जहां महिलाएं रामलीला की रिहर्सल कर रही थीं। वहां जमकर नारेबाजी की गई।
विरोध कर रहे संगठनों का कहना था कि श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान और परशुराम जैसे पवित्र किरदार महिलाएं नहीं निभा सकतीं। यह हिंदू धर्म का अपमान है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी हालत में महिलाओं की रामलीला नहीं होने देंगे, भले ही इसके लिए जेल ही क्यों न जाना पड़े।
दूसरी ओर, रामलीला आयोजित करने वाली संस्था ‘जड़ों से जुड़ो’ की प्रधान एकता नागपाल ने कहा कि वे किसी दबाव में नहीं झुकेंगी। “अगर पुरुष सीता माता और अन्य महिला पात्रों की भूमिका निभा सकते हैं तो महिलाएं भी पुरुष पात्र निभा सकती हैं। महिलाओं को जन्म देने वाली भी महिलाएं ही हैं, ऐसे में यह विरोध निरर्थक है,” उन्होंने कहा।
विरोध कर रहे रामलीला क्लबों के पदाधिकारियों का कहना है कि वे रामलीला के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पवित्र पात्रों की भूमिका महिलाओं को नहीं दी जानी चाहिए। उनका तर्क है कि हनुमानजी ब्रह्मचारी थे और उन्होंने कभी किसी महिला की ओर नजर तक नहीं उठाई, तो ऐसे पात्र का अभिनय महिला कैसे कर सकती है।
उधर, एकता नागपाल ने दोहराया कि रामलीला हर हाल में आयोजित होगी और कहा कि “जब धर्म की महान हस्तियां खुद इस रामलीला में आकर आशीर्वाद देती हैं तो दूसरों को आपत्ति क्यों हो रही है।”