वीआईपी रोड बनी मुसीबत, सीवरेज ओवरफ्लो और टूटी सड़क से लोग बेहाल

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ज़ीरकपुर,, 15 सितम्बर –

शहर का पॉश इलाका माने जाने वाला वीआईपी रोड आजकल लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। डोमिनोज़ चौक से लेकर एसबीपी साउथ सिटी तक सड़क पर कहीं सीवरेज ओवरफ्लो हो रहा है तो कहीं सड़क पूरी तरह टूट चुकी है। बरसात के मौसम में हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि थोड़ी सी बारिश में ही पानी भर जाता है और बदबू से लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

रविवार को हालात यह रहे कि पेंटा होम सोसायटी से लेकर साउथ सिटी तक सड़क पूरी तरह जलमग्न हो गई। लोगों को पैदल चलने में दिक्कत हुई और दोपहिया वाहन चालक गड्ढों में फंसकर गिरते रहे। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब तो ऑफिस जाने वाले लोगों को जूते उतारकर घर से निकलना पड़ता है। कई लोग पुराने कपड़े पहनकर घर से निकलते हैं और दफ्तर पहुंचकर कपड़े बदलते हैं।

लोगों का गुस्सा, नगर परिषद पर लापरवाही का आरोप
लोगों का कहना है कि पिछले कई महीनों से नगर परिषद और डीसी मोहाली को शिकायतें दी जा रही हैं। डीसी मोहाली ने तो मौके का दौरा करके अधिकारियों को फटकार लगाई थी और जल्द काम पूरा करने के आदेश भी दिए थे। इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। हालात से परेशान होकर संदीप नामक एक स्थानीय निवासी बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठ गया है, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता खत्म नहीं हुई।

स्थानीय निवासियों ने कहा कि बरसाती पानी तो कुछ हद तक सहन किया जा सकता है, लेकिन सीवरेज का गंदा पानी लोगों के लिए बड़ी मुसीबत है। हर साल बरसात में यही हालात बन जाते हैं और नगर परिषद हर बार स्थाई हल का दावा करती है, लेकिन आज तक कोई सुधार नहीं हुआ।

अधिकारियों का पक्ष
एक अधिकारी ने कहा—
“जब भी काम शुरू करते हैं तो बरसात आ जाती है। बरसात में सड़क बनाने से वह दोबारा दब जाती है, इसलिए फिलहाल काम रोका हुआ है। जैसे ही बरसात बंद होगी, काम करवा दिया जाएगा। सीवरेज ओवरफ्लो इसलिए होता है क्योंकि बरसात में एसटीपी की एक मोटर बंद करनी पड़ती है ताकि वह खराब न हो। इससे निकासी धीमी हो जाती है। बाकी लाइन और सड़क कल ही चैक करवा दी जाएगी।”

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ऑफिस जाने वालों की मुसीबत
बरसात के दिनों में वीआईपी रोड से गुजरने वाले ऑफिस गोअर लोगों की सबसे ज्यादा परेशानी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्हें पुराने कपड़े और चप्पल पहनकर घर से निकलना पड़ता है और ऑफिस जाकर कपड़े बदलने पड़ते हैं। वहीं, महिलाओं और बच्चों को भी सीवरेज और बरसाती पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।

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