हिंदी के विश्वस्तरीय प्रसार में हिन्दुस्तानी-मित्रों का महत्वपूर्ण योगदान विषय पर विचार गोष्ठी कराई

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हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए रूस, ऑस्ट्रेलिया और नेपाल में अभियान रहा कामयाब : अनिल भारती

पटियाला,,, 14 सितंबर। भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी के विश्व भर में प्रचार और प्रयास के लिए आईओएलसी. द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास जारी हैं। इसी कड़ी में ‘हिंदी के विश्वस्तरीय प्रसार में हिन्दी-मित्रों का महत्वपूर्ण योगदान’ विषय पर यहां विचार गोष्ठी कराई गई।
विश्व में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार को लेकर सक्रिय इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर लैंग्वेज कोऑर्डिनेशन को रूस, ऑस्ट्रेलिया और नेपाल में बहुत सफलता मिली है। संस्था के संस्थापक अनिल कुमार ‘भारती’ ने विश्व हिंदी दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में यह बात कही। साथ ही कहा कि केवल हिंदी ही नहीं, अपितु पंजाबी व अन्य भाषाओं के साथ तालमेल स्थापित कर उनका देश-विदेशों में विस्तार किया जाएगा। अभियान के अगले चरण में फ्रांस और फ्रैंच भाषा के प्रयोग करने वाले अन्य देशों में हिन्दी का परचम लहराने के लिये जी जान से जुटे हैं। इसके लिए अपनी नई पुस्तक के रूप में विश्व भर के हिन्दी प्रेमियों को एक अनुपम उपहार देने के लिए सख्त मेहनत कर रहे हैं।
पटियाला के एसडीएसई. सीनीयर सैकेंडरी स्कूल में एसएस. मास्टर के तौर पर सेवारत अनिल कुमार ‘भारती’ ने एक त्रिभाषा/बहुभाषा तुलनात्मक ज्ञान विकास पद्धति की खोज की है। हिन्दी भाषा के प्रसार अभियान में हिन्दी के प्राध्यापक सुशील कुमार आज़ाद ने भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। समारोह में रूस में भारत के तत्कालीन राजदूत डी.बी. वेंकटेश वर्मा और रूस की सत्ताधारी पार्टी के सीनेटर मोरोजोव आइगोर निकोलाइविच भी मौजूद रहे।

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