हिसार,,, 13 सितम्बर-
सिसाय पुल स्थित शेषावतार भगवान लक्ष्मण की पावन स्थली तीर्थ स्थान मंदिर श्री लक्ष्मण चौतरा में पितृ पक्ष के उपलक्ष्य में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है। शुक्रवार को कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंडित त्रिलोकी नाथ पराशर ने भक्तों को भगवान वामन अवतार व समुद्र मंथन का प्रसंग सुनाया। इस दौरान भगवान वामन की झांकी भी दिखाई गई।
पंडित त्रिलोकीनाथ पराशर ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षण भंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों। उन्होंने बताया कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईर्ष्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। भगवान सूर्य बिना किसी भेदभाव के सृष्टि के सभी प्राणियों को अपना प्रकाश देते हैं। वायु सभी जीवों में प्राणों का संचार करती है। बादल परोपकार के लिए गरजते हुए वर्षा करते है, नदियां किसी से नहीं पूछती कि तुम मेरा जल क्यों पीते हो और वृक्ष भी किसी व्यक्ति से यह नहीं पूछते कि तुम मेरे फल क्यों तोड़ते हो। यदि हम अपना उद्धार करना चाहते हैं तो परोपकार में अपना जीवन लगाएं, जिससे कल्याण होगा। इस दौरान मंदिर के सरपरस्त बक्शी लाल ठकराल, दिनेश मल्होत्रा, जगदीश सैनी, नंद किशोर खेतरपाल, पंडित गौतम उपाध्याय, सतीश खुराना, सुनील तागरा व अन्य श्रद्धालुगण उपस्थित थे।